भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए महिलाओं ने आज रखा है हरियाली तीज का व्रत, जानें क्या है महत्व
हरियाली तीज का व्रत बुधवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। झारखंड की राजधानी रांची सहित पूरे राज्य भर में महिलाओं ने व्रत रखा हुआ है। हिंदू पंचांग के मुताबिक़ हर वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है।

रांची, जासं। हरियाली तीज का व्रत बुधवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। झारखंड की राजधानी रांची सहित पूरे राज्य भर में महिलाओं ने व्रत रखा हुआ है। हिंदू पंचांग के मुताबिक़ हर वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के सबसे प्रिय पर्वों में से एक है। इस दिन व्रत रखकर सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। हरियाली तीज पर महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं। इसके साथ ही इस पर्व पर घेवर की खास मांग रहती है। इसे पूजा में भगवान शिव-पार्वती को अर्पित किया जाता है।
हरियाली तीज पर महिलाएं सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करके मायके से आए हुए वस्त्र पहनती हैं। इस पर्व में सोलह शृंगार का विशेष महत्व है। पूजा शुरू करने से पहले एक चौकी पर मिट्टी में गंगा जल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती की प्रतिमा बनाई जाती है। इसके साथ ही एक थाली में 16 शृंगार सुहाग की सामग्री माता पार्वती को अर्पित कर पूजा शुरू की जाती है। इसके बाद भगवान शिव को अक्षत, धूप, दीप, गंधक आदि चढ़ाया जाता है। दोनों की फल और मिठाई की भोग लगाई जाती है और आरती की जाती है। बुधवार को सुबह से ही पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई। पूरे विधि विधान से महिलाओं ने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर अपने पति के कुशल के लिए प्रार्थना की।
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्तः
पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अगस्त को शाम 6 बजकर 06 मिनट से 11 अगस्त दिन बुधवार को शाम 4 बजकर 54 मिनट तक है। हरियाली तीज व्रत की पूजा का समय 11 अगस्त को सुबह 4.25 बजे से लेकर 5.17 बजे तक है जबकि दूसरा मुहूर्त दोपहर 2.30 बजे से 3.07 बजे तक है।
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