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    Gochar 2025: होली के बाद होगा गुरु, शनि और राहु का गोचर; इन राशि के जातकों के जीवन में होगी उथल-पुथल

    Updated: Thu, 13 Mar 2025 11:11 AM (IST)

    30 मार्च 2025 से हिंदू संवत्सर 2082 का शुभारंभ होगा वहीं 6 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा। होली के त्योहार के बाद गुरु शनि और राहु का गोचर होगा जिसका असर सभी राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा। कुछ राशि के जातकों पर गोचर का अच्छा प्रभाव पड़ेगा तो वहीं कुछ राशि के जातकों की मुश्किल बढ़ सकती है।

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    होली के बाद होगा गुरु, शनि और राहु का गोचर

    जागरण संवाददाता, रांची। 30 मार्च 2025 से हिंदू संवत्सर 2082 का शुभारंभ होगा और शक 1947 होगा। इसका नाम सिद्धार्थ कालयुक्त होगा, जो संवत्सर चक्र के साठ में 13वीं है। इसकी अवधि 30 अप्रैल 2025 से 19 मार्च 2026 तक की होगी, इसे पहले कलियुग का 5127 साल चलेगा।

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    अगली होली 4 मार्च 2026 को होगी। वहीं, होली के बाद गुरु, शनि और राहु का गोचर होगा, जिसका असर सभी राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा

    झारखंड के ज्योतिष, कर्मकांड के विद्वान पंडित रामदेव पांडेय के अनुसार 30 मार्च को दिन 2:14 तक प्रतिपदा है। 30 मार्च रविवार प्रतिपदा दोपहर 2:14 तक बासंतिक नवरात्र कलश स्थापना, शैलपुत्री पूजन 31 मार्च को ब्रह्मचारिणी पूजन औरईद है।

    • 1 अप्रैल - छठ नहाय खाय
    • 2 अप्रैल - छठ नोहंडा
    • 3 अप्रैल - गुरुवार- छठ सूर्यास्त 6:10, सूर्योदय 5:50
    • 6 अप्रैल - रविवार रामनवमी, सुबह 9:42 सेरात 11:15 तक पुष्य नक्षत्र
    • 7 अप्रैल - धर्म राज दशमी, नवरात्र पारण
    • 12 अप्रैल - चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती
    • विश्व में सामरिक गतिविधि होगी तेज

    इस 2082 संवत्सर का राजा और मंत्री सूर्य हैं, विश्व में सामरिक गतिविधि तेज होगी, अरब (फारस) के आसपास के देशों में सैन्य संघर्ष, नागरिक उत्पीड़न होगा। भारत में धार्मिक विषयों में तेजी आएगी। कृषि उपज का स्वामी बुध और रस का स्वामी शुक्र होगा।

    भारत में चार ग्रहण (Eclipse 2025 Date)

    साल 2025 में भारत में कुल 4 ग्रहण होंगे, जिनमें 2 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण शामिल हैं। पहला चंद्र ग्रहण होली पर 14 मार्च को होगा। दूसरा और अंतिम ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा।

    गुरु गोचर 2025 (Guru Gochar 2025)

    14 मई 2025 को मिथुन राशि में आएंगे, 18 अक्टूबर 2025 को कर्क राशि में जाएंगे। 11 नवंबर 2025 से 5 दिसंबर तक मिथुन में वक्री रहेंगे, 11 मार्च 2026 को गुरु मार्गी होंगे।

    गुरु के तीन गोचर काल का फल तीनों समय राशि पर फल अलग अलग मिलेगा, मेष, सिंह, धन, वृश्चिक मिथुन और मकर के लिए संघर्ष और वृष, कन्या, कुम्भ, कर्क, तुला और मीन के लिए वर्ष सरस रहेगा।

    शनि गोचर 2025 (Shani Gochar 2025)

    29 मार्च 2025 को मीन राशि में आएंगे, 14 जुलाई 2025 को वक्री होकर कुंभ में जाएंगे। 18 नवंबर 2025 को पुनः मार्गी होकर मीन में आएंगे और साढ़ेसाती रहेगी।

    कुंभ, मीन और मेष में शनि ढैय्या रहेगी। वृश्चिक और कर्क, धनु, सिंह राशि को भी शनि का गोचर प्रभावित करेगा। मेष राशि का सिर, मीन का पेट और हदय, कुंभ का पैर प्रभावित होगा।

    राहु गोचर 2025 (Rahu Gochar 2025)

    18 मई 2025 को राहु कुंभ राशि में जाएंगे, वर्ष में शनि, गुरु और राहु अधिक प्रभावित करते हैं। गुरु अस्त 18 जून 2025 से 7 जुलाई 2025 तक होगा, जबकि शुक्र अस्त 12 दिसंबर 2025 से 1 फरवरी 2026 तक होगा। इस समय विवाह आदि मुहूर्त नहीं रहता है।

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