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    Jharkhand Government: नेमरा में सरकार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने गांव में रहकर पूरा करेंगे पिता शिबू सोरेन का श्राद्ध संस्कार

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 09:02 PM (IST)

    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को नेमरा गांव में पारंपरिक रिवाजों के साथ अंतिम विदाई दी। बंगाल की सीमा से सटा इस गांव में पहाड़ की तराई में बसे आदिवासी समुदाय की रीति-रिवाजों के अनुसार सभी संस्कार पूरे किए गए। हेमंत सोरेन अब नेमरा में रहकर शेष पारंपरिक रिवाजों को संपन्न करेंगे।

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    अभी नेमरा में रहकर रीति-रिवाज संपन्न करेंगे हेमंत सोरेन

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को नेमरा गांव में पारंपरिक रिवाजों के साथ अंतिम विदाई दी। मंगलवार को शिबू सोरेन का दाह संस्कार हुआ।

    हेमंत सोरेन ने उन्हें मुखाग्नि दी। बंगाल की सीमा से सटे इस गांव में पहाड़ की तराई में बसे आदिवासी समुदाय की रीति-रिवाजों के अनुसार सभी संस्कार पूरे किए गए।

    आज बुधवार को अपने पैतृक गांव रामगढ़ के नेमरा में ग्रामीणों के साथ मिलकर अपने पिता के पारंपरिक अनुष्ठानों तीन नहान, दसकर्म और श्राद्ध पर विस्तृत चर्चा की। तीन नहान (तीन स्नान), दस कर्म (दस दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान) और श्राद्ध कर्म की तैयारियों पर विचार-विमर्श किया।

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    ग्रामीणों ने स्थानीय परंपराओं से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और सुझाव दिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन को उनकी सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप श्राद्धकर्म पूरे किए जाए।  शिबू सोरेन की विरासत को जीवित रखने के लिए हेमंत सोरेन ने उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।

    झारखंड आंदोलन के नायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन पंचतत्व में विलीन होकर पुरखों की पंक्ति में शामिल हो गए। हेमंत सोरेन अब नेमरा में रहकर शेष पारंपरिक रिवाजों को संपन्न करेंगे।

    इस दौरान परिवार और समुदाय के लोग एकत्रित होकर शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उनकी स्मृति में आदिवासी संस्कृति और संघर्ष की विरासत को संजोया जा रहा है।

    शिबू सोरेन का निधन झारखंड के लिए एक बड़ी क्षति है। वे न केवल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक थे, बल्कि आदिवासी समुदाय के अधिकारों और पहचान के लिए संघर्ष के प्रतीक भी थे।

    उनके नेतृत्व में झारखंड अलग राज्य बना, और उनकी विरासत आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। नेमरा गांव में उनके अंतिम संस्कार के दौरान आदिवासी समुदाय ने एकजुट होकर उनके योगदान को याद किया।

    पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन और सामूहिक प्रार्थनाओं ने माहौल को भावपूर्ण बना दिया। समुदाय के लोग उनकी स्मृति में आदिवासी संस्कृति और संघर्ष की विरासत को संजोने का वचन ले रहे हैं।

    हेमंत सोरेन ने अपने पिता के आदर्शों को जीवित रखने का संकल्प लिया है। नेमरा में रहकर वे शेष पारंपरिक रिवाजों को संपन्न कर रहे हैं।

    हेमंत से मुलाकात करने पहुंचे वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर

    वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बुधवार को रामगढ़ के नेमरा जाकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु का निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है।

    दिशोम गुर एक नाम नहीं था। वे झारखंड की आत्मा थे। उनके साथ ही एक युग खत्म हो गया है। उन्हें हमेशा राजनेता के तौर पर नहीं, एक पथ प्रदर्शक के तौर पर देखा।

    वे झारखंडी स्वाभिमान का प्रतीक और प्रतिमूर्ति थे। वे संघर्ष की मिसाल थे, जिन्होंने जमीन से उठकर संसद तक आदिवासी अधिकारों की गूंज पहुंचाई।

    उनके सान्निध्य में बहुत कुछ सीखा। उनकी सहजता और दृढ़ आत्मविश्वास आगे भी झारखंड को दिशा देते रहेंगे। उनकी विरासत हम सबके संकल्पों में जीवित रहेगी