हेमंत सरकार ने कर दिया बड़ा एलान, सुधरेगी सरकारी अस्पतालों की तस्वीर; चिकित्सकों और नर्सों की होगी बहाली
राज्य के सरकारी अस्पतालों की हालत बीमा योजनाओं से प्राप्त धन से सुधरेगी। इस राशि का उपयोग अस्पतालों के रखरखाव और बुनियादी ढांचे को ठीक करने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग द्वारा डॉक्टरों और नर्सों को नियुक्त करने के लिए किया जाएगा। आयुष्मान भारत और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से प्राप्त धनराशि का उपयोग किया जाएगा। हर अस्पताल को प्रति बेड 50 हजार रुपये जुटाने का लक्ष्य है।

राज्य ब्यूरो, रांची। विभिन्न बीमा योजनाओं में दावा के रूप में प्राप्त होने वाली राशि से सरकारी अस्पतालों की दशा सुधरेगी। इस राशि से न केवल अस्पतालों का रख रखाव होगा तथा संरचनाएं दुरुस्त होंगी, बल्कि आउटसोर्सिंग से चिकित्सक एवं नर्स भी बहाल किए जा सकेंगे।
आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, झारखंड अबुआ स्वास्थ्य योजना तथा राज्य कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना से मिलने वाली दावा राशि का उपयोग इनमें किया जा सकेगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है।
इसके तहत प्रत्येक सरकारी अस्पतालों को इन बीमा योजनाओं से प्रति बेड 50 हजार रुपये चरणबद्ध ढंग से उपार्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रति बेड 25 हजार, वित्तीय वर्ष 2026-27 में 35 हजार तथा 2027-28 से 50 हजार रुपये उपार्जित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस तरह, 50 हजार रुपये का लक्ष्य प्राप्त होने पर सभी सरकारी अस्पतालों को मिलाकर कुल 300 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे, जिनका उपयोग संबंधित अस्पतालाें के स्वास्थ्य संरचनाएं दुरुस्त करने में किया जा सकेगा।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इससे भविष्य में सरकारी अस्पताल निजी अस्पतालों से प्रतियोगिता कर सकेंगे। साथ ही अस्पताल आईपीएचएस-2022 के मानकों को पूरा कर पाएगा।
जारी दिशा-निर्देश के अनुसार मेडिकल कॉलेजों में अति विशेषज्ञ चिकित्सकों, सदर अस्पतालों में विशेषज्ञ एवं अति विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा रेफरल, अनुमंडल अस्पतालों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं ली जा सकेंगी।
अब कार्यरत चिकित्सकों को 15 प्रतिशत ही प्रोत्साहन राशि
अस्पतालों में कार्यरत सरकारी चिकित्सकों के बीच अब बीमा राशि की 15 प्रतिशत राशि ही प्रोत्साहन राशि के रूप में बटेगी। शेष 85 प्रतिशत राशि से निजी चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं अति विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा ली जाएगी।
इस राशि से अस्पताल का रखरखाव और संचालन होगा तथा दवा आदि का भी क्रय किया जाएगा। बीमा राशि के लिए अलग से बैंक खाता खोला जाएगा ताकि उसका ही प्रबंधन हो तथा पारदर्शिता हो।
रांची तथा कोडरमा सदर अस्पताल लक्ष्य के करीब
वैसे तो स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2027-28 तक प्रति बेड 50 हजार रुपये बीमा दावा से उपार्जित करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन रांची सदर अस्पताल तथा कोडरमा सदर अस्पताल अभी ही इस लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है।
500 बेड वाले रांची सदर अस्पताल ने पिछले वित्तीय वर्ष के जनवरी माह तक ही प्रति बेड 44 हजार रुपये तथा 100 बेड वाले कोडरमा सदर अस्पताल ने प्रति बेड 28,320 रुपये की राशि उपार्जित कर ली थी।
यह भी पढे़ं-
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।