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    Hemant Soren: फ्रिज और टीवी के बिल ने बढ़ाई हेमंत सोरेन की टेंशन, ED ने जमीन घोटाले में सबूत के तौर पर किए इस्तेमाल

    By Agency Edited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Sun, 07 Apr 2024 07:04 PM (IST)

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चार अन्य लोगों के खिलाफ 31 करोड़ रुपये अधिक की कीमत वाले 8.86 एकड़ अवैध जमीन घोटाले मामले में एक नया मोड़ आ गया है। अब इस मामले में ईडी ने सबूत के तौर पर रेफ्रिजरेटर और स्मार्ट टीवी के बिल भी शामिल किए हैं। जांच एजेंसी ने दो डीलरों से इन बिलों को प्राप्त किया है।

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    फ्रिज और टीवी के बिल ने बढ़ाई हेंमत सोरेन की मुश्किल (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। बड़गाईं अंचल के अंतर्गत बरियातू रोड की विवादित 8.86 एकड़ जमीन हड़पने की कोशिश मामले में आरोपित रहे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व अन्य पर दाखिल चार्जशीट के साथ ईडी ने फ्रीज व स्मार्ट टीवी का जीएसटी बिल भी लगाया है।

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    उक्त बिल विवादित जमीन के केयरटेकर संतोष मुंडा से संबंधित है। स्मार्ट टीवी जहां संतोष मुंडा की बेटी खुशबू मुंडा उर्फ खुशबू पाहन के नाम पर है, वहीं फ्रीज का बिल संतोष मुंडा के बेटे रोहित मुंडा के नाम पर है। बिल पर इनका पता भी लालू खटाल के समीप शांति नगर, नेशनल पब्लिक स्कूल के समीप बरियातू बताया है।

    2017 में खरीदे गए थे फ्रिज व टीवी

    स्मार्ट टीवी चार नवंबर 2022 को व फ्रीज 19 फरवरी 2017 को खरीदा गया था। ईडी के अनुसार दोनों ही बिल यह साबित करते हैं कि संतोष मुंडा व उनके परिवार का पेशा उस जमीन पर था। बिल के अनुसार करीब सात साल से वे यहां रह रहे हैं।

    पूछताछ में संतोष मुंडा ने ईडी को बताया है कि वह हेमंत सोरेन की उक्त 8.86 एकड़ जमीन का 14-15 साल से केयरटेकर है। जिस राजकुमार पाहन ने रांची के उपायुक्त को आवेदन देकर जमीन पर अपना कब्जा बताया था, वह उसके कब्जे में था ही नहीं, उसपर हेमंत सोरेन का कब्जा था, जिसकी देखरेख सोरेन का केयरटेकर संतोष मुंडा करता रहा।

    राजकुमार पाहन ने सोरेन की कब्जा दिलाने में की थी मदद

    राजकुमार पाहन ने तो हेमंत सोरेन का सहयोगी बनकर उक्त जमीन पर सोरेन का कब्जा दिलाने, चारदीवारी करवाने में मदद की। ईडी के अनुसार जब ईडी ने इस जमीन के मामले में हेमंत सोरेन को 14 अगस्त 2023 के लिए पहला समन किया था। उसके बाद राजकुमार पाहन रेस हुआ।

    16 अगस्त को उपायुक्त रांची को आवेदन देकर जमीन अपने कब्जे में लेने की कागजी कार्रवाई करवानी शुरू की थी। इसके बाद एसएआर कोर्ट से 29 जनवरी 2024 को आनन-फानन में राजकुमार पाहन के पक्ष में फैसला दिलाया गया।

    बिजली मीटर की तस्वीर चार्जशीट में लगाई

    उक्त विवादित 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन व राजकुमार पाहन के अलावा तीसरे आरोपित हिलेरियस कच्छप ने बिजली का मीटर अपने नाम पर लगवाया था, जिसकी तस्वीर भी ईडी ने अपनी चार्जशीट में लगाया है।

    8.86 एकड़ जमीन थी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अपराध का आधार

    ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि बड़गाईं अंचल की विवादित यह 8.86 एकड़ जमीन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अपराध का आधार थी, इसलिए उक्त जमीन अस्थाई रूप से 30 मार्च 2024 को जब्त किया गया था।

    उक्त जमीन की कीमत 31 करोड़ 07 लाख, दो हजार 480 रुपये है, जो एक अगस्त 2023 के सर्किल रेट के अनुसार तीन लाख 50 हजार 680 रुपये प्रति डिसमिल है।

    ईडी ने ईडी की विशेष अदालत में 30 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, राजकुमार पाहन, हिलेरियस कच्छप व हेमंत सोरेन के दोस्त सह आर्किटेक्ट विनोद सिंह के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।

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