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    चुनाव बहिष्कार के मामले में चार माओवादी पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी, ज्यादातर गवाह थे पुलिसकर्मी

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 09:03 PM (IST)

    विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए ग्रामीणों को डराने धमकाने और पुलिस बल पर हमला करने के मामले में आरोपित चार माओवादियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है। अदालत ने छह साल पुराने मामले में माओवादी कमांडर बोयदा पाहन बिरजा मुंडा उर्फ नैना गोंडा पाहन और विधायक मुंडा को बरी किया है।

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    चुनाव बहिष्कार के मामले में चार माओवादी पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए।

    राज्य ब्यूरो, रांची। अपर न्यायायुक्त अरविंद कुमार नंबर-2 की अदालत ने शुक्रवार को विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए ग्रामीणों को डराने धमकाने और पुलिस बल पर हमला करने के मामले में आरोपित चार Maoists माओवादियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

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    अदालत ने छह साल पुराने मामले में माओवादी कमांडर बोयदा पाहन, बिरजा मुंडा उर्फ नैना, गोंडा पाहन और विधायक मुंडा को बरी किया है। मामले में दो को छोड़ सभी गवाह पुलिस कर्मी के थे।

    तीन गवाही देने पहुंचे, लेकिन घटना को साबित नहीं किया जा सका। रांची के तत्कालीन एसएसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि नामकुम थाना क्षेत्र के गरुड़पीड़ी हेसो जंगल में साल 2019 में माओवादी संगठन द्वारा विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए ग्रामीणों को डराया धमकाया जा रहा है।

    सूचना पर पांच दिसंबर 2019 को डीएसपी के नेतृत्व में झारखंड जगुआर और जिला बल के द्वारा छापेमारी अभियान चलाया गया था। Election Boycott Case

    पुलिस जैसे ही गरुड़पीढ़ी हेसो जंगल पहुंची, माओवादी भाग निकले थे। जंगल में सर्च किए जाने पर कट्टा ,गोली, दवा, तार, रस्सी और चुनाव बहिष्कार का पर्चा बरामद किया गया।

    इसके साथ रोजाना उपयोग में आने वाला सामान भी बरामद किया गया था। पुलिस ने वहां से तीन केन बम और जिलेटिन डेटोनेटर भी बरामद किया था।

    टीएसपीसी उग्रवादी को नहीं मिली जमानत 

     रांची अपर न्यायायुक्त योगेश कुमार की अदालत ने लेवी के लिए कारोबारियों को धमकी देने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपित टीएसपीसी संगठन के गोविंद कुमार महतो को जमानत देने से इन्कार कर दिया है।

    सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। उसने एक अगस्त को जमानत की गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की थी।

    ओरमांझी थाना क्षेत्र में चल रहे क्रशर के मैनेजर ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि आठ जनवरी 2025 की रात 11.30 बजे 10-12 लोग हथियार से लैश होकर क्रशर पर हमला बोल दिया था।

    कुछ लोगों ने स्टाफ से मारपीट की और कुछ लोगों ने पोकलेन और हाइवा में आग लगा दी थी। जाते समय टीएसपीसी के एरिया कमांडर विक्रांत के नाम तीन पर्चा छोड़ा गया था। इसमें संगठन से बात किए बिना कारोबारियों को काम नहीं करने की चेतावनी दी गई थी।