Jharkhand News: उत्पाद विभाग ने सभी उपायुक्तों को लिखा लेटर, शराब दुकानों को लेकर नया निर्देश जारी
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने नई उत्पाद नीति लागू होने से पहले तैयारियां तेज कर दी हैं। विभाग ने 1 सितंबर से लागू होने वाली नीति के तहत राजस्व लक्ष्य को संशोधित किया है और जिलावार लक्ष्य उपायुक्तों को भेजे हैं। नई नीति में सितंबर 2025 से मार्च 2026 तक 2402 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा गया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने नई उत्पाद नीति लागू होने के पूर्व की अपनी सभी तैयारियों को पुख्ता करना शुरू कर दिया है। भविष्य में विभाग की नीतियों पर किसी तरह की अंगुली न उठे, इसे ध्यान में रखते हुए विभाग आगे बढ़ रहा है।
इसी कड़ी में 13 जुलाई को विभाग ने एक सितंबर से लागू हो रही नई उत्पाद नीति के तहत राजस्व लक्ष्य को संशोधित किया है। नई उत्पाद नीति की शर्तों व व्यवस्थाओं को देखते हुए विभाग ने एक सितंबर से 31 मार्च 2026 तक के लिए जिलावार लक्ष्य निर्धारित कर सभी जिलों के उपायुक्तों को भेजा है।
सभी उपायुक्तों से कहा गया है कि वे उस मिले हुए लक्ष्य के अनुरूप ही प्रत्येक खुदरा शराब दुकानों के लिए लक्ष्य तय करें। प्रत्येक शराब दुकानों के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के साथ-साथ यह स्पष्ट हो जाएगा कि उक्त दुकान के संचालक को प्रत्येक माह के 25 तारीख को कितने रुपये का राजस्व विभाग में जमा करना है।
गौरतलब है कि राज्य में एक सितंबर से निजी हाथों से शराब की खुदरा बिक्री होनी है। इसे देखते हुए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने संशोधित राजस्व लक्ष्य घोषित कर दिया है। संशोधित राजस्व लक्ष्य के अनुसार नई उत्पाद नीति में एक सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक के लिए यानी सात महीने के लिए 2402 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा गया है।
इससे पूर्व चालू वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 तक के लिए यानी पांच महीने के लिए पुरानी उत्पाद नीति के तहत राजस्व लक्ष्य 1183 करोड़ रुपये है।
इस तरह इस पूरे वित्तीय वर्ष के लिए कुल 3585 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा गया है। पुरानी नीति में चालू वित्तीय वर्ष के लिए कुल 2985 करोड़ का राजस्व लक्ष्य था, जिसे 13 जुलाई को संशोधित करते हुए सभी जिलों को जारी कर दिया गया है और जिलों को उस अनुरूप तैयारी शुरू करने के लिए कहा गया है।
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