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    झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह रिनपास से हुए डिस्चार्ज, धनबाद जाने पर रहेगी पाबंदी

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 07:41 PM (IST)

    अपने चचेरे भाई पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार की हत्या के षड्यंत्र में आठ साल से जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को सोमवार शाम रिनपास से डिस्चार्ज कर दिया गया। कोर्ट से आदेश आने के बाद वे रिनपास से अपने समर्थकों के साथ निकल गए। फिलहाल उन्हें धनबाद जाने पर पाबंदी है जिस वजह से वे अभी रांची में ही निवास करेंगे।

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    पूर्व विधायक संजीव सिंह रिनपास से हुए डिस्चार्ज।

    जागरण संवाददाता, रांची। झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह, जो अपने चचेरे भाई नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या के मामले में आठ साल से जेल में थे, को सोमवार शाम को रांची के रिनपास (RINPAS) से डिस्चार्ज कर दिया गया।

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    यह फैसला सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिलने के बाद आया है, जिससे संजीव सिंह को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट से आदेश आने के बाद वे रिनपास से अपने समर्थकों के साथ निकल गए। फिलहाल उन्हें धनबाद जाने पर पाबंदी है, जिस वजह से वे अभी रांची में ही निवास करेंगे।

    जमानत का कानूनी पहलू

    संजीव सिंह के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनबी अंजारिया की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सन्नी चौधरी की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।

    इस आदेश के बाद, ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया। संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में थे। इससे पहले, उनकी जमानत याचिका निचली अदालत और उच्च न्यायालय से कई बार खारिज हो चुकी थी।

    धनबाद जाने पर है पाबंदी

    जमानत के बाद, संजीव सिंह को फिलहाल धनबाद जाने पर पाबंदी है, इसलिए वह अभी रांची में ही रहेंगे। रिनपास से डिस्चार्ज होने के बाद वह अपने समर्थकों के साथ बाहर निकले। इस मामले में आगे की सुनवाई और कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन यह जमानत संजीव सिंह के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

    यह भी जानें

    • नीरज सिंह हत्याकांड: 21 मार्च 2017 को धनबाद के सरायढेला में नीरज सिंह, उनके अंगरक्षक, और दो अन्य लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में संजीव सिंह का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया था।
    • राजनीतिक पृष्ठभूमि: संजीव सिंह और नीरज सिंह दोनों ही धनबाद की राजनीतिक परिवार से आते थे। यह हत्या झरिया में कोयला कारोबार और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम मानी जाती है। दोनों परिवारों के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था।
    • रिनपास: संजीव सिंह को स्वास्थ्य कारणों से इलाज के लिए रांची के रिनपास (रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो-साइकेट्री एंड एलाइड साइंसेज) में शिफ्ट किया गया था, जहां वे न्यायिक हिरासत में थे।
    • ट्रायल और जांच: इस मामले की जांच के दौरान कई मोड़ आए, जिसमें पुलिस ने कई गवाहों से पूछताछ की और तकनीकी साक्ष्यों का सहारा लिया। सुप्रीम कोर्ट की जमानत संजीव सिंह के लिए एक बड़ी राहत है, लेकिन मामले का ट्रायल अभी भी चल रहा है और अंतिम फैसला आना बाकी है।