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    पर्यावरण की शुद्धिकरण में भावी पीढ़ी का बेहतर जीवन एवं स्वास्थ्य निर्भर

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 06 Jun 2020 01:45 AM (IST)

    रांची नाम डॉ एमएच सिद्दीकी डीन फॉरेस्ट्री कॉलेज बीएयू पहचान प्रोफेसर कार्य अनुभव

    पर्यावरण की शुद्धिकरण में भावी पीढ़ी का बेहतर जीवन एवं स्वास्थ्य निर्भर

    नाम : डॉ एमएच सिद्दीकी, डीन, फॉरेस्ट्री कॉलेज, बीएयू, रांची

    पहचान : प्रोफेसर

    कार्य अनुभव : 20 वर्ष

    अगले एक वर्ष की योजना : जीव जंतु व पेड़ पौधे की रक्षा के साथ प्रत्येक व्यक्ति एक पेड़ अवश्य लगाकर वातावरण को शुद्ध रखने की पहल करेंगे। इससे हमारी भावी पीढ़ी के शरीर का स्वस्थ्य बेहतर तथा रोग विहीन रहे। इसके लिए लोगों के बीच जन जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा।

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    अब तक कार्य: जैव विविधता में सभी प्रकार के पेड़ पौधे व जीव जंतु का समायोजन। चाहे वह माइक्रो जीव या विशालकाय पेड़ हो। पर्यावरण की शुद्धि के लिए प्रकृति को बचाने का प्रयास। लोगों को पर्यावरण प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में कराया अवगत।

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    नाम : अंशुल शरण, पर्यावरणविद

    परिचय: पर्यावरण क्षेत्र में काम करने वाली अग्रणी स्वयंसेवी संस्था युगांतर भारती की कार्यकारी अध्यक्ष

    कार्य अनुभव : 15 वर्ष

    अगले एक वर्ष की योजना : पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रकृति का दोहन रोकना हुआ। इसके लिए सख्त कानून बनाने पर जोर। आम लोगों के बीच जागरूकता अभियान का संचालन। लोगों को प्रकृति के विविध रूप की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध करने की योजना। अब तक कार्य : लगातार अपनी संस्था के जरिये प्रकृति की रक्षा के प्रति अभियान का संचालन। पर्यावरण में समय-समय पर होने वाले बदलाव का अध्ययन। लोगों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संचालन। पत्र-पत्रिकाओं के जरिये जागरूकता।

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    सीयूजे में कोरोना से बचाव पर वेबिनार

    जासं, रांची : सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड में कोविड-19 : ए चैलेंजेज एंड अपारच्युनिटी फॉर लाइफ साइंस कम्यूनिटी पर वेबिनार आयोजित किया गया। कुलपति प्रो. नंद कुमार यादव 'इंदु' ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना तीव्र गति से फैल रहा है, लेकिन इसे रोकने में चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का कार्य सराहनीय है। हम एकजुट होकर इस महामारी से लड़ सकते हैं। डॉ. सारंग मेढेकर ने कहा कि जब तक उपचार की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक हमें व्यवस्थित ढंग से आपदा को नियंत्रित करना होगा । रजिस्ट्रार प्रो. एसएल हरि कुमार ने कहा कि सभी के सहयोग से ही इस आपदा से निपटा जा सकता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रोमा यादव ने स्वास्थ्य व्यवस्था में चुनौतियों के बारे में बात की। साथ ही कोरोना से बचाव के सुझाव दिए। वेबिनार में संयोजक डॉ. आशीष सचान, डॉ. मनोज कुमार. डॉ. सोमा चट्टोपाध्याय, डॉ. हिमांशु कुमार. प्रो. गोवर्धन दास, डॉ. राजकिशोर मिश्र आदि ने भाग लिया।