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    झारखंड के पांच और राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ने पर रोक, चुनाव आयोग ने थमाया नोटिस

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 10:10 PM (IST)

    झारखंड में पांच और राजनीतिक दलों को पंजीकृत सूची से हटाया जाएगा क्योंकि वे अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने इन दलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह निर्णय उन 476 दलों के खिलाफ लिया गया है जो पिछले छह वर्षों से चुनाव में सक्रिय नहीं हैं। इससे पहले भी आयोग ने 334 दलों को सूची से बाहर किया था जिनमें पांच झारखंड के थे।

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    चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस। (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के पांच और राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद करते हुए उन्हें पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटाया जाएगा।

    भारत निर्वाचन आयोग ने इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया के तहत उन राजनीतिक दलों को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का मौका देने के निर्देश राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दिया है।

    आयोग ने दूसरे चरण में छह वर्षों से चुनाव नहीं लड़ने वाले देश के 476 राजनीतिक दलों की पहचान कर उन्हें सूची से हटाने का निर्णय लिया है, जिनमें पांच झारखंड के हैं।

    हालांकि, इसमें कौन-कौन से राजनीतिक दल सम्मिलित हैं, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। बताते चलें कि इससे पहले आयाेग ने नौ अगस्त को 334 राजनीतिक दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से बाहर किया था, उनमें भी पांच झारखंड के थे।

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    इनमें देवघर के भारत विकास मोर्चा, पलामू के भारतीय जनमुक्ति पार्टी एवं मानव मुक्ति मोर्चा, गढ़वा के नवजवान संघर्ष मोर्चा तथा रांची के राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी सम्मिलित थे। अब ये राजनीतिक दल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

    स्वदेशी का नाम, विदेशी सामान उपयोग करती है भाजपा : कांग्रेस

    अगस्त क्रांति की पावन स्मृति में जब देश आत्मनिर्भरता और बलिदान की भावना को याद कर रहा है, वहीं भाजपा नेताओं द्वारा स्वदेशी का शंखनाद केवल मंचीय भाषणों तक सीमित है। वास्तविक जीवन में उनका आचरण इसके ठीक उलट है।

    झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया चेयरमैन सतीश पाल मुंजनी ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के घर, कार्यालय और यहां तक कि उनके चुनावी प्रचार में इस्तेमाल होने वाली अधिकांश सामग्री, चाहे वह मोबाइल फोन हो, गाड़ी हो, कपड़े हों या प्रचार सामग्री, विदेशी कंपनियों की हैं।

    स्वदेशी का नाम लेकर जनता को उपदेश देना और खुद विदेशी सामान का इस्तेमाल करना, यह भाजपा की आदत बन चुकी है। घर-घर स्वदेशी का नारा देने वाले नेता खुद के घर में विदेशी ब्रांडों का शोरूम चलाते हैं।

    भाजपा के नेताओं को पहले अपने घर और दफ्तर में मौजूद सभी विदेशी ब्रांड की सूची सार्वजनिक करनी चाहिए और यह साबित करना चाहिए कि वे वास्तव में स्वदेशी उत्पादों का प्रयोग कर रहे हैं।

    जब तक वे खुद आदर्श प्रस्तुत नहीं करेंगे, तब तक उनका 'घर-घर स्वदेशी' अभियान सिर्फ़ एक चुनावी नारा और दिखावा ही रहेगा। मुंजनी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं हर विदेशी दौरे पर महंगे सूट, जूतों और चश्मों के लिए मशहूर हैं।

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