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    Election Commission ने झारखंड की इन पार्टियों को पंजीकृत दलों की सूची से किया Out, इसके पीछे के कारण भी जानिए

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 08:48 PM (IST)

    भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में कुल 334 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया है। इनमें पांच दल झारखंड के हैं। आयोग ने नोटिस भेजकर राजनीतिक दलों को अपना पक्ष रखने को कहा था। लेकिन ये दल अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख सके। फिर ऐसे दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटाने की अनुशंसा की।

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    चुनाव आयोग ने झारखंड के पांच राजनीतिक दलों को पंजीकृत दलों की सूची से हटाया

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में कुल 334 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया है। इनमें पांच राजनीतिक दल झारखंड के हैं।

    झारखंड के जिन राजनीतिक दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से बाहर किया गया है, उनमें भारत विकास मोर्चा, देवघर, भारतीय जनमुक्ति पार्टी, पलामू, मानव मुक्ति मोर्चा, पलामू, नव जवान संघर्ष मोर्चा, गढ़वा तथा राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी, रांची शामिल हैं।

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    आयोग ने नोटिस भेजकर पक्ष रखने को कहा था

    इससे पहले आयोग के निर्देश पर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने इन दलों को नोटिस भेजकर पक्ष रखने को कहा था, लेकिन ये दल अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख सके।

    कुछ दल तो बुलाए जाने पर पक्ष रखने पहुंचे भी नहीं। इसके बाद उन्होंने इन दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटाने की अनुशंसा की।

    आयोग में कुल 2,854 राजनीतिक दल पंजीकृत थे, जिनमें 334 को ऐसे दलों की सूची से हटाए जाने के बाद 2,520 दल पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल (आरयूपीपी) के रूप में सूची में सम्मिलित हैं।

    6 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल व 67 राज्य दलों की सूची जारी 

    आयोग ने छह मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों तथा 67 राज्य दलों की भी सूची जारी कर दी है। झारखंड के मान्यता प्राप्त राज्य दलों में झामुमो और आजसू का नाम सम्मिलित है। बताते चलें कि राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए दिशा-निर्देशों में उल्लेख है कि यदि कोई दल लगातार छह वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता है, तो उस दल को पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा।

    इसके अलावा, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 ए के अनुसार, दलों को उनके पंजीकरण के समय नाम, पता, पदाधिकारी आदि जैसे विवरण देने होते हैं और किसी भी बदलाव को बिना किसी देरी के आयोग को सूचित करना होता है।