Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एदारा ए शरिया ने कल्‍याण मंत्री हफीजुल अंसारी से अल्पसंख्यक आयोग व वक्फ बोर्ड का गठन करने की मांग की

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Sat, 04 Sep 2021 07:25 PM (IST)

    Jharkhand News Hindi News एदारा ए शरि‍या झारखंड का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने अल्पसंख्यक आयोग सुन्नी वक्फ बोर्ड और उर्दू अकादमी का गठन जल्द करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

    Hero Image
    Jharkhand News, Hindi News एदारा ए शरि‍या झारखंड का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी से मिला।

    रांची, जासं। एदारा ए शरिया का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी से उनके रांची आवास में नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी के नेतृत्व में मिला और 9 सू‍त्रिीय मांग पत्र सौंपा। इसमें कहा गया है कि इस समय राज्य में यूपीए की सरकार सुचारू रूप से चल रही है। हमें वर्तमान सरकार से आशाएं भी हैं। राज्य में कुछ ऐसी ज्वलंत समस्याएं हैं, जिनका निदान ससमय हो जाना चाहिए था। परंतु अभी तक लंबित हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक लंबे समय से झारखंड में वक्फ बोर्ड, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, 15 सूत्री कार्यान्वयन समिति और अल्पसंख्यक वित्त निगम का गठन नहीं हुआ है। उर्दू अकादमी व मदरसा शिक्षा बोर्ड का गठन 20 वर्षों में नहीं हो सका है। वक्फ बोर्ड के गठन नहीं होने से वक्फ जायदाद की तरक्की रुकी हुई है। इसी तरह अल्पसंख्यक आयोग लगभग 2 साल से खाली है। इस कारण अल्पसंख्यक समाज के दुख दर्द को समझने वाला और देखने वाला कोई नहीं है। समुदाय को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

    15 सूत्री समिति एवं अल्पसंख्यक वित्त निगम ना होने के कारण अल्पसंख्यक समाज के लाखों गरीब लोग इसकी सहूलियत से महरूम हैं। लोन आदि लाभों से अल्पसंख्यक समुदाय वंचित है। झारखंड राज्य में उर्दू द्वितीय भाषा है। राज्य गठन को 20 वर्ष से अधिक हो गए  परंतु आज तक उर्दू अकादमी का गठन नहीं हुआ। फलस्वरूप राज्य में उर्दू की स्थिति दयनीय होती चली गई। इसी तरह अब तक झारखंड राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड का भी गठन नहीं हो सका। राज्य में हज यात्रा के कार्यों के निष्पादन हेतु कोई बजट नहीं है। जबकि अन्य राज्यों में इस की व्यवस्था है।

    पिछली सरकार की ओर से एक सुनियोजित ढंग से झारखंड के अधिकतर उर्दू विद्यालयों को मर्ज कर दिया गया। इससे उर्दू के लाखों छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो गए एवं उर्दू विद्यालयों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया। उस मर्जर को निरस्त करने की जरूरत है। मांग पत्र में झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग, झारखंड राज्य सून्नी वक्फ बोर्ड, 15 सूत्री समिति एवं अल्पसंख्यक वित्त निगम, झारखंड राज्य उर्दू एकेडमी और झारखंड राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड का गठन करने की मांग रखी गई।

    झारखंड राज्य हज समिति का वार्षिक बजट निर्धारित करने, झारखंड में उर्दू स्कूलों को किए ‍गए मर्जर को निरस्त करते हुए पहले की तरह पुन: उस का स्टेटस बहाल करने और झारखंड में स्वतंत्रा सेनानी शहीद शेख भिखारी के नाम पर "मुजाहिदे आजादी शहीद शेख भिखारी अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी" का गठन कर राज्य में चल आलिम और फाजिल स्तर के सभी मदरसों को इससे संबंध करके यूनिवर्सिटी स्तर पर इनकी परीक्षा लेने की भी मांग की गई। मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गौर से सुना और कहा कि सरकार इन समस्याओं पर गंभीर है।