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    Jharkhand: पूर्व मंत्री के निजी सचिव समेत 21 ठिकानों से ED को मिले 20 लाख, झारखंड-बंगाल और दिल्ली में छापेमारी

    आयुष्मान भारत योजना में घोटाला मामले में ईडी ने शुक्रवार को झारखंड बंगाल और दिल्ली में 21 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निजी सचिव ओमप्रकाश सिंह के जमशेदपुर के मानगो और रांची स्थित ठिकाने पर भी छापेमारी की गई। सूत्रों की मानें तो इन ठिकानों से नकदी समेत आयुष्मान भारत योजना से जुड़े संदिग्ध दस्तावेज डिजिटल उपकरण आदि की बरामदगी हुई है।

    By Dilip Kumar Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 04 Apr 2025 09:24 PM (IST)
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    ईडी ने झारखंड-बंगाल और दिल्ली में मारा छापा। (फोटो जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। आयुष्मान भारत योजना में घोटाला मामले में ईडी ने शुक्रवार को झारखंड, बंगाल और दिल्ली में 21 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। जिनके यहां छापेमारी हुई, उनमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निजी सचिव ओमप्रकाश सिंह के जमशेदपुर के मानगो व रांची स्थित ठिकाना भी शामिल है।

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    इस दौरान ओमप्रकाश सिंह समेत अन्य के ठिकाने से ईडी ने 20 लाख रुपये नकदी बरामद की है। ओमप्रकाश सिंह के अलावा झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी के अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक अभिषेक श्रीवास्तव, सीनियर कंसल्टेंट वैभव राय, सेफेवे टीपीए और इंश्योरेंस कंपनी के ठिकाने शामिल हैं।

    छापेमारी इस योजना से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े आरोपितों के ठिकानों पर हुई है, जिनपर इस घोटाले में शामिल होने का शक है।

    ईडी मनी लांड्रिंग के बिंदु पर छापेमारी कर रही है। ईडी सूत्रों की मानें तो इन ठिकानों से नकदी समेत आयुष्मान भारत योजना से जुड़े संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल उपकरण आदि की बरामदगी हुई है, जिसका विश्लेषण किया जाएगा।

    ईडी को आशंका है कि इस घोटाले में आयुष्मान भारत योजना के सलाहकार, थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर के कर्मी व कार्यालय, संबद्ध फर्मों के पूर्व अधिकारी, झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी से जुड़े अधिकारी आदि शामिल हैं।

    आरोप है कि इस योजना में सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी कर बड़ी राशि अर्जित की गई है। एक सिंडिकेट इस घोटाले में सक्रिय था, जिसने सुनियोजित तरीके से इस योजना के लिए अस्पतालों के पैनल में हेराफेरी की। फर्जी दावे कर राशि की निकासी की। इसमें सिंडिकेट को कमीशन की राशि पहुंची।

    गौरतलब है कि लोकसभा में अगस्त 2023 में प्रस्तुत महालेखाकार की रिपोर्ट में आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा हुआ था।

    इसी रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि झारखंड में भी कई अस्पतालों में मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान लिया गया था। ऐसे मरीजों के नाम पर भी राशि निकली, जिनकी मौत हो चुकी थी। सबसे ज्यादा गड़बड़ियां झारखंड के अस्पतालों में सामने आई थी।

    मरीजों की मौत के बाद भी इलाज

    झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 750 अस्पताल सूचीबद्ध है। महालेखाकार की रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आ चुकी है कि झारखंड में 323 मामलों में क्लेम का भुगतान हुआ है।

    इनमें 250 मरीजों की मौत दिखाई गई और बाद में उन मरीजों का इलाज भी किया गया। कई अस्पतालों ने अपनी कुल बेड की क्षमता से ज्यादा संख्या में मरीजों को भर्ती दिखाकर भुगतान लिया।

    मामला उजागर होने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले 400 से भी ज्यादा अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की गई थी। कुल 78 अस्पतालों को गड़बड़ी के आरोप में आयुष्मान भारत की सूची से हटा दिया गया था।

    वहीं, करीब 89 अस्पतालों से करीब एक करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया था। 250 अस्पतालों को शो-काज किया गया था और एक अस्पताल संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

    पूर्व में विभाग से योजना में गड़बड़ियों की रिपोर्ट मांग चुकी है ईडी

    महालेखाकार की रिपोर्ट के बाद ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों की जांच शुरू की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने झारखंड राज्य स्वास्थ्य मिशन और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था।

    ईडी को स्वास्थ्य विभाग से कुछ एफआईआर की सूचना मिली थी, जो विभिन्न अस्पतालों के विरुद्ध दर्ज की गई थी। इसके जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सात जिलों के 13 अस्पतालों की सूची ईडी को उपलब्ध कराई थी।

    इन अस्पतालों में 500 से अधिक फर्जी दावे करने व जालसाजी करने का आरोप है। महालेखाकार की रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि देशभर में आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार के दौरान 88 हजार 760 रोगियों की मृत्यु हो चुकी थी। इन मरीजों को नए सिरे से इलाज दिखाकर भुगतान लिया गया था।

    कुछ प्रमुख ठिकाने, जहां हुई छापेमारी

    • जमशेदपुर में एनएच-33 स्थित बिग बाजार के पीछे नीलगिरी कॉलोनी में बन्ना गुप्ता के निजी सचिव ओमप्रकाश सिंह गुड्डू का आवास।
    • बरियातू रोड स्थित श्याम इंक्लेव निवासी सुजीत यादव का आवास।
    • पीपी कंपांउंड स्थित दो ठिकाने। इनमें एमडी इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का दफ्तर और शेट्ठी कॉरपोरेट का परिसर।
    • मोरहाबादी स्थित ललिता आर्किड अपार्टमेंट स्थित फ्लैट नंबर 406।
    • आसी गार्डेन, सी ब्लॉक, दिनकर नगर हटिया।

    हजारीबाग में सनशाइन अस्पताल में ईडी ने ली तलाशी

    हजारीबाग-रांची रोड स्थित सन शाइन अस्पताल में भी ईडी की टीम पहुंची थी। ईडी ने यहां तलाशी ली और अस्पताल के संचालक डाक्टर अर्जुन कुमार से भी पूछताछ की।

    मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018-19 में आयुष्मान भारत योजना के दौरान इस अस्पताल में घोटाले का मामला सामने आया था। इसमें फर्जी रेफरल स्लिप जमाकर मरीजों का भुगतान किया गया था।

    इस अस्पताल में अधिकतर रेफरल स्लिप इचाक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से आए थे। इस अस्पताल में 23 मरीजों का आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कर 4.60 लाख रुपये का क्लेम लिया गया था।

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