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    झारखंड सरकार में है घोटालों की लंबी लिस्‍ट, जमीन घोटाले में ED अब तक कर चुकी 236 करोड़ जब्‍त

    Updated: Thu, 01 Feb 2024 10:44 AM (IST)

    झारखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। इस मामले में ईडी मुख्‍यमंत्री को पहला समन 8 अगस्‍त को भेजा था और आखिरी बार 31 जनवरी यानी कि बीते बुधवार को उनसे पूछताछ हुई और आखिरकार जांच एजेंसी ने उन्‍हें हिरासत में ले लिया। जमीन घोटाले में ईडी अब तक 236 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है।

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    जमीन घोटाले में अब तक 236 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है ईडी।

    राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाले में ईडी अब तक 236 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त कर चुकी है। पूर्व में ईडी ने करोड़ों रुपये मूल्य की दो भूमि को अस्थाई रूप से कुर्क किया था, जिसका बाजार मूल्य 74.39 करोड़ रुपये था। इन संपत्तियों में सेना के उपयोग वाली बरियातू मौजा की 4.55 एकड़ जमीन, जिसका बाजार मूल्य 41.51 करोड़ रुपये था व बाजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन, जिसका बाजार मूल्य 32.87 करोड़ रुपये था।

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    जब्‍त संपत्ति में ये भी शामिल

    इसके बाद ईडी ने 161.64 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। इनमें चेशायर होम रोड के गाड़ी गांव मौजा के खाता नंबर 37 के प्लाट नंबर 28 स्थित एक एकड़ जमीन, नामकुम अंचल के पुगड़ू मौजा स्थित खाता नंबर 93, प्लाट नंबर 543, 544, 546 व 547 में 9.30 एकड़ जमीन व सिरमटोली में वार्ड नंबर छह स्थित एमएस प्लाट नंबर 908, 851 व 910 में 5.883 एकड़ जमीन शामिल हैं।

    मुख्यमंत्री को जमीन घोटाले में हुआ कब-कब समन

    पहला समन 8 अगस्त को भेजकर 14 अगस्त को हाजिर होने को कहा गया। जब मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे तो उन्हें 19 अगस्त को दूसरा समन भेजकर 24 अगस्त को बुलाया गया।

    इसके बाद ईडी ने एक सितंबर को तीसरा समन भेजकर नौ सितंबर को उपस्थित होने को कहा। जब सीएम नहीं पहुंचे तो 17 सितंबर को चौथा समन भेजकर 23 सितंबर को उपस्थित होने को कहा।

    हर समन का जवाब देते गए मुख्‍यमंत्री

    मुख्यमंत्री प्रत्येक समन का जवाब देते गए और उन्होंने ईडी पर केंद्र के इशारे पर काम करने, लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को परेशान करने का आरोप लगाया व ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद 26 सितंबर को ईडी ने पांचवा समन कर चार अक्टूबर को उपस्थित होने को कहा।

    उनके उक्त समन की अवहेलना के बाद ईडी ने 11 दिसंबर को छठा समन कर 12 दिसंबर को उपस्थित होने को कहा। फिर 29 दिसंबर को सातवां समन कर ईडी ने मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए समय व जगह खुद तय करने को कहा।

    13 जनवरी को ईडी ने सीएम को भेजा था आठवां समन

    ईडी ने फिर 13 जनवरी को आठवां समन किया और 16 से 20 जनवरी तक बयान दर्ज कराने के लिए कहा। ईडी ने लिखा कि वे मुख्यमंत्री हैं तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि वे कानून से ऊपर हैं।

    ईडी के सख्त पत्र पर मुख्यमंत्री पूछताछ को तैयार हुए और उसके बाद 20 जनवरी को सीएम आवास में उनसे पूछताछ हुई। ईडी ने पूछताछ में ही कहा कि अभी पूछताछ पूरी नहीं हुई है, एक बार फिर पूछताछ करनी पड़ेगी। इसके बाद ईडी ने 25 जनवरी को नौवां समन कर पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी के बीच समय देने को कहा।

    मुख्‍यमंत्री ने दिया था व्‍यस्‍तता का हवाला

    मुख्यमंत्री ने इस पर जवाब दिया कि वे व्यस्त हैं, बाद में बताएंगे कि कब उनसे पूछताछ हो सकेगी। इसके बाद ईडी ने उन्हें 27 जनवरी को 10वां समन कर बयान दर्ज कराने के लिए 29 से 31 जनवरी तक का समय दिया। साथ ही यह भी कहा कि अगर वे समय नहीं देंगे तो ईडी उनसे उक्त तिथि में कभी भी पूछताछ करेगी। इसके बाद ही ईडी आगे की कार्रवाई कर रही है।

    इन मामलों में भी मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है ईडी

    शराब घोटाला : सिर्फ योगेंद्र तिवारी गिरफ्तार।

    मनरेगा घोटाला : पूजा सिंघल, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार गिरफ्तार। सुमन अभी जमानत पर हैं।

    अवैध खनन : पंकज मिश्रा, बच्चू यादव, नेताओं व नौकरशाहों का करीबी प्रेम प्रकाश, दाहू यादव के पिता पशुपति यादव, पंकज मिश्रा का खास सहयोगी कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत, टिंकल भगत व राहुल यादव। इनमें से कई जमानत पर हैं।

    कोल लिंकेज घोटाला : इजहार अंसारी, हज़ारीबाग़।

    पद का दुरुपयोग कर टेंडर घोटाला : वीरेंद्र राम, आलोक रंजन, नीरज मित्तल व राम प्रकाश भाटिया।

    अवैध खनन केस में सीएम से 17 नवंबर 2022 को पूछताछ हुई थी।

    बाबूलाल और सरयू बोले, हेमंत की FIR फर्जी

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व पूर्व मंत्री सरयू राय ने हेमंत सोरेन की ओर से एसटी-एससी थाना में ईडी के अधिकारियों पर दर्ज कराए गई एफआइआर के फर्जी होने की आशंका जताई है।

    दोनों नेताओं ने कहा कि एफआइआर के मुताबिक हेमंत सोरेन अपने को साहिबगंज विधानसभा क्षेत्र का विधायक बता रहे हैं, जबकि झारखंड में साहिबगंज नाम से कोई विधानसभा क्षेत्र नहीं है। इससे प्रतीत होता है कि एफआइआर ही फर्जी है।

    क्योंकि हेमंत सोरेन का अपना विधानसभा बरहेट की जगह साहिबगंज बताना संदेह को जन्म दे रहा है। उन्होंने डीजीपी एवं पुलिस अधिकारी से इसकी सत्यता जांचने की मांग की है। बाबूलाल ने लिखा कि झामुमो में फर्जीवाड़ा का पहले भी रिकार्ड रहा है। शिबू सोरेन के समय एक बार दो-तीन लोगों को एक जगह का टिकट दे दिया गया था।

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