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Durga Puja 2022: नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के कई फायदे, जानिए धार्मिक महत्व और नियम

Navratri 2022 दुर्गा पूजा के लिए नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने की परंपरा है। पूजा का यह एक महत्वपूर्ण विधि विधान है। इसका सभी पालन करते हैं। लेकिन अखंड ज्योति को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। हमें इन मान्यताओं का ध्यान रखना चाहिए।

By M. EkhlaqueEdited By: M EkhlaquePublished: Mon, 26 Sep 2022 12:14 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 12:16 AM (IST)
Durga Puja 2022: नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के कई फायदे, जानिए धार्मिक महत्व और नियम
Navratri 2022: नवरात्रि आज से प्रारंभ हो रहा है। जानिए अखंड ज्योति के फायदे।

रांची, डिजिटल डेस्क। Navratri Vrat Starts Today इस वर्ष सोमवार से माता रानी का नवरात्रि प्रारंभ हो रहा है। कलश स्थापना के साथ व्रत धारण करना और माता की प्रति दिन पूजा के अलावा जो एक और प्रमुख कार्य होता है- अखंड ज्योति जलाना। यह इसलिए जरूरी होता है, क्योंकि माता की कृपा घर में बनी रहे। इसलिए अखंड ज्योति अवश्य जलाना चाहिए। इससे घर में नकारात्म शक्तियों का वास नहीं होता है। घर-परिवार में ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा भी कई फायदे होते हैं। आइए, जानते हैं कुछ फायदे।

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नवरात्रि में ऐसे जलाइए अखंड ज्योति

  • अखंड ज्योति अगर आप गाय के शुद्ध देसी घी से जलाते हैं तो नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं। घर परिवार में किसी को बीमारी नहीं होती है। लड़ाई झगड़े से मुक्ति मिलती है।
  • अखंड ज्योति जलाकर माता का पूजन करने से शिक्षा का वास होता है। घर के युवा व छात्रों की बुद्धि सकारात्मक होती है। पढ़ाई में बच्चों का मन लगता है।
  • घर में अखंड ज्योति जलाने से शनि का कुप्रभाव दूर होता है। शनि की टेढ़ी नजर घर के लोगों पर नहीं पड़ती है। यह अखंड ज्योति तिल के तेल से ही जलाना चाहिए।
  • सरसों तेल से अखंड ज्योति जलाने से सभी तरह के कार्य तुरंत हो जाते हैं। कोई बाधा नहीं आती है। घर में समृद्धि तो आती ही है, पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
  • अखंड ज्योत जलाने के बाद घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए। इससे देवी नाराज होती हैं। घर को खाली छोड़ना अशुभ माना जाता है। घर में किसी का रहना जरूरी होता है।
  • देसी घी से अखंड ज्योति जलाने से घर परिवार में किसी को सांस संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं। कपूर जलाने से हानिकारक बेक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। फेफड़ा स्वस्थ रहता है।
  • यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अखंड ज्योति से कोई दूसरी ज्याेति नहीं जलाना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर-परिवार में बुरा असर पड़ता है।
  • अखंड ज्योत की लौ बायीं से दायीं ओर रहनी चाहिए। इससे घर में आर्थिक उन्नति होती है। लौ की ताप ऐसी होनी चाहिए कि उसे कुछ दूरी तक महसूस किया जा सके।
  • अखंड ज्योति की बत्ती को बार-बार नहीं बदलना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है। ऐसी बत्ती बनाना चाहिए कि नवरात्रि में नौ दिनों तक काम आए। बदलना नहीं पड़े।

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का यह मंत्र

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का मंत्र जरूर याद कर लेना चाहिए। अगर आप अखंड ज्योति जलाने की तैयारी कर चुके हैं तो सबसे पहले भगवान श्रीगणेश, भगवान शिव और माता दुर्गा को याद करें। उन्हें प्रणाम करें। उनका स्मारण करें। इसके पश्चात मंत्र का पाठ करें। यह मंत्र है- ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते। जब आप इस मंत्र का पाठ कर लें उसके बाद अखंड ज्योति जलाएं। बिना मंत्र पाठ किए ज्योति नहीं जलाना चाहिए। बेहतर यह होगा कि मंत्र जाप करते हुए ज्योति जलाएं।

ज्योति जलाने से पहले इस बात रखें ध्यान

अगर आप माटी से बने दीपक जलाने की तैयारी में हैं तो उसे एक दिन पूर्व दिनभर पानी में रख दें, इससे उसके सोखने की क्षमता खत्म हो जाएगी। इसके बाद इसका इस्तेमाल करें। इसमें तेल या घी डालने पर यह जल्दी खत्म नहीं होता है। देर तक यह जलता है। ज्योति बुझने का भी डर नहीं रहता है। ज्योति जलने के बाद अगर बुझ जाए तो इसे अशुभ माना जाता है। माटी का दीपक बड़े आकार का रखें, ताकि इसमें डाला गया घी या तेल ज्यादा दिनों तक चले। नौ दिनों तक यह लगातार जलता रहे। इसमें समय समय पर घी या तेल डालते रहिए।


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