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    Shibu Soren Health Update: दिशोम गुरु शिबू सोरेन की सेहत में सुधार, झारखंड में दुआओं का दौर

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 03:40 PM (IST)

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ है और वे किडनी की बीमारी से भी जूझ रहे हैं। राष्ट्रपति और कई नेताओं ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल जाना। पूरे झारखंड में उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं और डॉक्टर उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। शिबू सोरेन के स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद है।

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    दिशोम गुरु शिबू सोरेन की सेहत में सुधार, झारखंड में दुआओं का दौर (फाइल फोटो)

    प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, जिन्हें प्यार से ‘दिशोम गुरु’ कहा जाता है, पिछले कई दिनों से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी तबीयत खराब होने की खबर ने न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश में चिंता की लहर दौड़ा दी है।

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    81 वर्षीय शिबू सोरेन उम्रजनित बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिनमें किडनी की समस्या, मधुमेह और हाल ही में हुआ ब्रेन स्ट्रोक शामिल है। इसके बावजूद उनकी स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, जिसे उनके समर्थक प्रार्थनाओं और दुआओं का असर मान रहे हैं।

    शिबू सोरेन को 19 जून को रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली लाया गया था, लेकिन इस दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। डाक्टरों के अनुसार उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ, जिसके कारण उनके शरीर के बाईं ओर पैरालिसिस हो गया। वह पहले से ही किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं और पिछले एक साल से डायलिसिस पर हैं।

    इसके अलावा, उनकी ओपन हार्ट सर्जरी भी हो चुकी है और वह मधुमेह से भी जूझ रहे हैं। सर गंगाराम अस्पताल में न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञों की टीम उनकी देखभाल कर रही है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक उनकी स्थिति स्थिर है, लेकिन पूरी तरह स्वस्थ होने में अभी समय लगेगा। विदेशी विशेषज्ञों से भी वीडियो कॉल के जरिए परामर्श लिया जा रहा है।

    झारखंड में प्रार्थनाओं और दुआओं का दौर

    शिबू सोरेन के लिए झारखंड में सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर प्रार्थना कर रहे हैं। रांची के पहाड़ी मंदिर में रुद्राभिषेक, गढ़वा के बंशीधर मंदिर में विशेष पूजन, पश्चिमी सिंहभूम के मां कंसरा मंदिर में हवन और रातू रोड दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। मस्जिदों में दुआएं मांगी जा रही हैं और चर्चों में भी उनके लिए प्रार्थनाएं हो रही हैं।

    हुसैनाबाद के दाता पीर बक्श की मजार पर चादरपोशी की गई। यह सामाजिक एकता की मिसाल है, जहां राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर लोग अपने प्रिय नेता के लिए एकजुट हैं। झामुमो कार्यकर्ताओं ने हैदरनगर के देवी धाम में भी विशेष पूजा की और मन्नत मांगी कि गुरुजी जल्द स्वस्थ होकर रांची लौटें।

    नेताओं का तांता, राष्ट्रपति से लेकर आम लोग तक चिंतित

    शिबू सोरेन का हालचाल जानने के लिए दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में नेताओं का तांता लगा हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 जून को अस्पताल पहुंचकर उनका हाल जाना और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी मुलाकात की और डॉक्टरों से उनके इलाज की प्रगति पर चर्चा की।

    केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, सीपीएम नेता बृंदा करात और झारखंड के कई मंत्री जैसे राधाकृष्ण किशोर, इरफान अंसारी, सुदिव्य सोनू, और संजय प्रसाद यादव ने भी अस्पताल पहुंचकर गुरुजी का हालचाल लिया। विपक्षी नेता बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, और रघुवर दास ने सोशल मीडिया पर उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

    हेमंत सोरेन और परिवार की मौजूदगी

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन, छोटे बेटे बसंत सोरेन और पूरा परिवार दिल्ली में डेरा डाले हुए है। हेमंत सोरेन ने रांची के जगन्नाथपुर रथयात्रा में शामिल न हो पाने की बात कहते हुए इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने भगवान जगन्नाथ से अपने पिता के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि हर साल मैं रथयात्रा में शामिल होता था, लेकिन इस बार बाबा की तबीयत के कारण दिल्ली में हूं।

    81 वर्षीय शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के अगुआ रहे हैं। उन्होंने बिहार से अलग झारखंड राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आदिवासियों के हक के लिए 19 सूत्री कार्यक्रम सहित कई योजनाएं शुरू कीं।

    तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके शिबू सोरेन को दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है देश का गुरु। उनके संघर्षशील जीवन और दूरदर्शी नेतृत्व ने उन्हें हर वर्ग के बीच लोकप्रिय बनाया है। यही कारण है कि उनकी बीमारी की खबर ने न केवल राजनीतिक गलियारों, बल्कि आम जनता में भी चिंता पैदा की है।

    सेहत में सुधार, लेकिन सतर्कता बरकरार

    डॉक्टरों के अनुसार, शिबू सोरेन की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन उनकी उम्र और पहले से मौजूद बीमारियों के कारण उनकी निगरानी जरूरी है। गुरुजी की हालत स्थिर है और पिछले दिनों की तुलना में बेहतर संकेत मिल रहे हैं। फिर भी पूरी तरह स्वस्थ होने में समय लगेगा। अस्पताल में उनकी देखभाल के लिए विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम तैनात है।

    शिबू सोरेन के लिए झारखंड की जनता की प्रार्थनाएं और दुआएं उनकी लोकप्रियता का प्रतीक हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि गुरुजी जल्द ही स्वस्थ होकर झारखंड लौटेंगे और फिर से अपने मार्गदर्शन से राज्य को दिशा देंगे।