Dheeraj Sahu: कांग्रेस MP की टैक्स चोरी का हिसाब लगाने में जुटे आयकर अधिकारी, शराब बिक्री की आमदनी में बड़े झोल की आशंका
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों पर आयकर की छापेमारी जारी है। कर चोरी के मामले में छह दिसंबर से चल रही छापेमारी में उनके ठिकानों से अब तक 351 करोड़ रुपये से अधिक नकदी की बरामदगी हो चुकी है। भारी मात्रा में जेवरात भी मिले हैं। आयकर विभाग की टीम साहू ग्रुप आफ कंपनीज के पांच वर्षों के वित्तीय लेन-देन का ब्योरा खंगाल रही है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों पर आयकर की छापेमारी जारी है। कर चोरी के मामले में छह दिसंबर से चल रही छापेमारी में उनके ठिकानों से अब तक 351 करोड़ रुपये से अधिक नकदी की बरामदगी हो चुकी है। भारी मात्रा में जेवरात भी मिले हैं।
आयकर विभाग की टीम साहू ग्रुप आफ कंपनीज के पांच वर्षों के वित्तीय लेन-देन का ब्योरा खंगाल रही है। गुरुवार को भी टीम ने साहू के रांची स्थित आवास में दस्तावेज खंगाले।
छह बैग में कागजात भरकर ले गये हैं अधिकारी
उधर, ओडिशा के बौध में स्थित बौध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में भी आयकर टीम ने छापेमारी कर कागजात जब्त किए। अधिकारी छह बैग में ये कागजात ले गए।
बौध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) के प्रबंध निदेशक धीरज के बेटे रितेश साहू हैं। अन्य निदेशकों में अमित कुमार साहू, सिद्धार्थ साहू और उदय शंकर प्रसाद बताए गए हैं।
संपत्ति का ब्योरा खंगाल रही आयकर टीम
विभाग को सूचना मिली है कि शराब बिक्री से आने वाली नकदी का बड़ा हिस्सा कंपनी के खाते में जमा ही नहीं होती थी।
विभाग के दो दर्जन अधिकारी छह दिसंबर से ही ओडिशा, झारखंड और बंगाल में सांसद की चल-अचल संपत्ति, निवेश आदि का ब्योरा खंगाल रहे हैं।
काले धन की बड़ी हेराफेरी के संकेत
इसी क्रम में ओडिशा में साहू परिवार के स्वामित्व वाली शराब कंपनी के कार्यालय और साहू के करीबियों के आवास से भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी हुई।
आयकर के सूत्रों के अनुसार, छापेमारी में काले धन की बड़ी हेराफेरी के संकेत मिले हैं। जांच भी उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। विभाग यह चिह्नित करने में जुटा है कि आखिर धीरज ने कितने की टैक्स चोरी की है।
नकदी की सीबीआई और ईडी जांच को लेकर पीआईएल
धीरज के ठिकानों से 351 करोड़ से अधिक नकद बरामद होने का मामला गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया। प्रार्थी दानियल दानिश की ओर से मामले की सीबीआई और ईडी से जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें केंद्र सरकार के वित्त सचिव, सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स के अलावा निर्वाचन आयोग को भी प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि धीरज साहू ने चुनाव के दौरान नामांकन में अपनी संपत्ति मात्र 34 करोड़ बताई थी, जबकि उनके पास से 351 करोड़ की नकदी और अन्य कीमती सामान मिले है। नामांकन के दौरान गलत जानकारी देने पर उनकी संसद की सदस्यता निरस्त करने का आग्रह किया है।
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