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    JPSC नियुक्ति में कापी मूल्यांकन के मामले में नियमों की अनदेखी पर कोर्ट ने मांगा जवाब

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 07:22 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट में 11वीं से 13वीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा में भाषा आधारित विषयों की कापी के मूल्यांकन में नियमों के उल्लंघन को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा है। राजेश चंद्र एवं 52 अन्य ने अपील याचिका दाखिल की है।

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    कापी मूल्यांकन में नियमों की अनदेखी पर हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है।

    राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में 11वीं से 13वीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा में भाषा आधारित विषयों की कापी के मूल्यांकन में नियमों के उल्लंघन को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।

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    सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी। इस संबंध में राजेश चंद्र एवं 52 अन्य ने अपील याचिका दाखिल की है।

    प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने अदालत को बताया कि झारखंड लोक सेवा आयोग का नियम है कि 10 वर्ष और पांच वर्ष के अनुभवी शिक्षक ही कापी का मूल्यांकन करेंगे।

    लेकिन आयोग ने अपने ही बनाए गए नियम की अनदेखी की है और महज एक-डेढ़ साल से शैक्षणिक कार्य कर रहे घंटी आधारित शिक्षकों  से कापी का मूल्यांकन कराया है, जो गलत है।

    उन्होंने कोर्ट से मुख्य परीक्षा का परिणाम निरस्त कर फिर से कापी का मूल्यांकन करा परिणाम घोषित करने का आग्रह किया। जेपीएससी की ओर से अदालत को बताया कि प्रार्थी का यह आरोप गलत है।

    सबके लिए नियम बराबर है। प्रार्थी असफल हुए हैं, इसलिए नियम को चुनौती दे रहे हैं। इन्हें पहले ही नियम को चुनौती देना चाहिए था। प्रार्थी की याचिका सिंगल बेंच ने खारिज कर दी है। इसलिए अपील याचिका को भी खारिज कर दिया जाए।