Move to Jagran APP

चुनाव प्रचार में आदिवासी सीटों पर जोर लगाने के लिए तैयार कांग्रेस, अन्य राज्यों से भी आएंगे वरीय नेता

आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस आदिवासी सीटों पर जोर लगाएगी। इसके लिए अन्‍य राज्‍यों से भी वरीय नेता आएंगे। चुनाव प्रचार में कांग्रेस हेमंत के जेल जाने को मुद्दा बना सकती है। इस दौरान राज्‍यमें पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं का होगा प्रमुख आदिवासी सीटों पर दौरा भी होगा। पार्टी के अदिवासी नेताओं को विशेषकर इन क्षेत्रों में प्रचार के लिए लगाया जाएगा।

By Ashish Jha Edited By: Arijita Sen Published: Tue, 16 Apr 2024 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 01:18 PM (IST)
आदिवासी सीटों पर जोर लगाएगी कांग्रेस, अन्य राज्यों से भी आएंगे वरीय नेता।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के आदिवासी बहुल सीटों पर कांग्रेस इस चुनाव में अधिक फोकस करेगी। हेमंत सोरेन के जेल में होने का नुकसान गठबंधन को नहीं उठाना पड़े, इसके लिए पार्टी ने तमाम वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारने का निर्णय लिया है।

loksabha election banner

आदिवासी बहुल सीटों पर पार्टी की नजर

पार्टी की ओर से स्थानीय से लेकर केंद्रीय नेताओं तक को आदिवासी बहुल सीटों पर प्रचार करने के लिए भेजा जाएगा। इसके पीछे की सोच यह भी है कि सत्ताधारी गठबंधन के प्रति सहानु भूति रखने वाले मतदाताओं को कहीं से ऐसा नहीं लगे कि हेमंत सोरेन के जेल में होने से गठबंधन कमजोर हुआ है। पार्टी के अदिवासी नेताओं को विशेषकर इन क्षेत्रों में प्रचार के लिए लगाया जाएगा।

हेमंत सोरेन के जेल जाने को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस

बताया जा रहा है कि देश के अन्य हिस्सों से भी आदिवासी नेताओं को प्रचार करने के लिए कांग्रेस झारखंड बुलाएगी। कांग्रेस झारखंड के हर लोकसभा क्षेत्र में इस बात को मुद्दा बनाएगी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गलत तरीके से जेल में बंद किया गया है।

कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के साथ-साथ महागठबंधन के उम्मीदवारों के प्रचार में इस बात को दोहराएगी। इस माध्यम से भावनात्मक तौर पर आदिवासी मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश होगी।

ये नेता आदिवासी मतदाताओं को करेंगे एकजुट

पूर्व मंत्री रामेश्वर उरांव, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत समेत बंधु तिर्की जैसे नेताओं को आदिवासी मतदाताओं को एकजुट करने के लिए लगाया जाएगा।

कांग्रेस की ओर से चुनाव प्रचार में पहुंचने वाले स्टार प्रचारकों को भी यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे लोगों को अधिक से अधिक इस विषय पर सोचने के लिए विवश करें। इस प्रकार के प्रयासों से छोटे भाई की भूमिका निकलकर कांग्रेस बड़े भाई की भूमिका में आने की कोशिशों में भी जुटी हुई है।

सरना धर्म कोड से लेकर मणिपुर की घटना तक पर होगा जोर

आदिवासी मतदाताओं के बीच कांग्रेस जोर-शोर से सरना धर्म कोड का मुद्दा उठाएगी। गठबंधन सरकार इसके लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेज भी चुकी है और अब इस विषय पर यह मुद्दा बनाया जाएगा कि केंद्र सरकार ही इस प्रस्ताव को आगे बढ़ने में रोड़े अटका रही है।

सरना धर्म कोड झारखंड के आदिवासी समुदाय के बीच एक प्रमुख मुद्दा है। इसके अलावा मणिपुर में आदिवासी समुदाय के बीच हिंसक झड़पों की अनदेखी करने के मामले को भी कांग्रेस अपने प्रचार अभियान में मुद्दा बनाएगी। आदिवासी महिलाओं को नंगा कर पीटे जाने के मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाएगी।

ये भी पढ़ें:

कोडरमा लोकसभा सीट पर था रीतलाल वर्मा का दबदबा, अब तक नहीं टूटा 1977 के चुनाव में उनकी जीत का रिकाॅर्ड

Geeta Kora : झारखंड में गीता कोड़ा समेत 20 BJP नेताओं पर केस दर्ज, चुनाव आयोग ने भी तलब की रिपोर्ट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.