शीतलहर का कहर: राजधानी में बढ़े हार्ट अटैक, बीपी और निमोनिया के मरीज; रिम्स में एक दिन में 85 भर्ती
रांची में शीतलहरी के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है, खासकर रिम्स में। एक दिन में 85 नए मरीज भर्ती हुए, जिनमें उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, ...और पढ़ें
-1766714860204.webp)
रिम्स के बाहर लगी मरीजों की भीड़। (जागरण)
जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी में शीतलहरी के तेज होते ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में स्थिति सबसे गंभीर नजर आ रही है।
महज एक दिन में मेडिसिन विभाग के इमरजेंसी में 85 नए मरीजों को भर्ती करना पड़ा। इनमें उच्च रक्तचाप (बीपी), हार्ट अटैक, लकवा (स्ट्रोक), ब्रेन हेमरेज के साथ-साथ निमोनिया के मरीज शामिल हैं। पिछले दो दिनों में ही निमोनिया के 15 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
रिम्स के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजय सिंह ने बताया कि इस बार शीतलहरी के दौरान बीमारियों का असर अधिक देखने को मिल रहा है। ठंड बढ़ते ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, जिससे बुजुर्ग, बीपी-शुगर के मरीज और पहले से बीमार लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कई मरीज वायरल संक्रमण की चपेट में भी आ रहे हैं।
खाली पेट घर से बाहर न निकलें
डॉ. सिंह के अनुसार ठंड में शरीर को तापमान बनाए रखने के लिए अधिक कैलोरी की जरूरत होती है। ऐसे में खाली पेट बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे बीपी अचानक बढ़ सकता है। यही कारण है कि हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आते हैं।
लोगों को समय पर भोजन करना चाहिए और जितना हो सके अपने आप को गर्म रखने का प्रयास करें। बच्चे और बुजुर्गों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। रिम्स में भर्ती सभी मरीजों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है।
मेडिसिन विभाग में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। हार्ट, ब्रेन स्ट्रोक और निमोनिया के मरीजों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
लक्षणों को न करें नजरअंदाज
विशेषज्ञों का कहना है कि शीतलहरी के दौरान अचानक बीपी बढ़ना, तेज सिरदर्द, सीने में दर्द, सांस फूलना, हाथ-पैर सुन्न होना, बोलने में दिक्कत, तेज छींक, खांसी, बुखार, बदन दर्द और कुछ मामलों में लूज मोशन ठंड लगने या संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखते ही चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है।
क्या बरतें सावधानी
- घर से बाहर निकलने से पहले हल्का भोजन जरूर करें
- ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें, खासकर सुबह निकलने के वक्त
- बीपी और शुगर के मरीज अपनी दवाएं नियमित और समय पर लें
- सुबह की सैर धूप निकलने के बाद ही करें
- ठंडे पानी से अचानक स्नान न करें
- खांसी, बुखार या सांस की तकलीफ होने पर देर न करें और डॉक्टर से संपर्क करें
- बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें
अलर्ट रहने की जरूरत
डॉक्टर सिंह ने बताया कि शीतलहरी अभी कुछ दिन और बनी रह सकती है। ऐसे में लापरवाही भारी पड़ सकती है। समय पर सावधानी और इलाज से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। राजधानी के अस्पतालों में बढ़ते मरीज यह संकेत दे रहे हैं कि ठंड के इस दौर में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।