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    हमने बदली झारखंड की छवि, पहले हुआ सिर्फ शोषणः रघुवर दास

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Mon, 11 Sep 2017 12:35 PM (IST)

    सीएम के मुताबिक, झारखंड के साथ-साथ यहां के लोगों का सिर्फ शोषण हुआ है। मेरी सरकार ने छवि बदली है।

    हमने बदली झारखंड की छवि, पहले हुआ सिर्फ शोषणः रघुवर दास

    प्रदीप सिंह/आनंद मिश्र, रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार के हजार दिन (22 सितंबर को) पूरे होने के अवसर को भी राज्य के विकास के मौके से जोड़ दिया है। इस दौरान अपनी उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के साथ ही वे कई नई योजनाओं का शिलान्यास भी करा रहे हैं। दैनिक जागरण की टीम के साथ उन्होंने अपने हजार दिन की उपलब्धियां के साथ ही भावी योजना और रणनीति पर खुलकर चर्चा की।

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    मोमेंटम झारखंड के दौरान तीन लाख दस हजार करोड़ के निवेश समझौते से लेकर बीस हजार से ज्यादा शिक्षकों की बहाली की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे राज्य में विकास के रुके हुए पहिये को आगे धकेलने में मदद मिली है। योजनाबद्ध तरीके से काम को अंजाम देना रघुवर दास की खासियत है। बातचीत में राज्य के विकास का उनका विजन और राजनीतिक एजेंडा साफ झलकता है। वे कहते हैं- हमारी नीति और नीयत स्पष्ट है।

    झारखंड के साथ-साथ यहां के लोगों का सिर्फ शोषण हुआ है। मेरी सरकार ने यह छवि बदली है कि यहां कुछ नहीं हो सकता। सरकार का सर्वाधिक फोकस रोजगार अवसर उपलब्ध कराना है। इसके लिए कौशल विकास योजनाएं बड़े पैमाने पर चलाई जा रहीं हैं। रघुवर दास मानते हैं कि सब्सिडी से नहीं रोजगार देने से लोगों की जिंदगी बदलेगी। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज को आदर्श मानते हैं और उसे उतारने की कोशिश करते हैं।

    जोहार योजना से वे आशान्वित हैं। इसके जरिए महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा। तेजस्विनी योजना के तहत छह पिछड़े जिले विकसित किए जाएंगे। सरकार मोमेंटम झारखंड के तहत नवंबर में 50 हजार करोड़ का निवेश कराएगी। उनकी योजना पारसनाथ समेत तमाम महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का विकास करने की है।

    झारखंड की टेक्सटाइल पालिसी सबसे अच्छी

    मुख्यमंत्री रघुवर दास का मानना है कि बगैर नीतियां बनाए कामकाज को धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। यही वजह है कि निवेशकों को आमंत्रित करने के पहले उन्होंने विभागों की नीतियां तय कीं। वे झारखंड की टेक्सटाइल पालिसी को सबसे अच्छी पालिसी करार देते हैं। कहते हैं-कंपनी आएगी तो यहां के युवक-युवतियों को प्रशिक्षित करेगी। सारा मैनपावर हमारा होगा। झारखंड का लाह चार देशों में निर्यात होता है। उससे जुड़ा उत्पाद यहां तैयार होगा तो गांवों में खुशहाली आएगी। राज्य सरकार हर साल 18 करोड़ रुपये का कंबल लेती है। ये कंबल अब सखी मंडल की ओर से तैयार कर दिया जाएगा। सरकार कोई टेंडर नहीं करेगी।

    कोडरमा, चाईबासा और बोकारो में भी मेडिकल कालेज

    मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदूर गांवों तक पहुंचाना चाहते हैं। उनका कहना है कि झारखंड के हिस्से सिर्फ तीन मेडिकल कालेज आए। उनकी सरकार ने तीन नए मेडिकल कालेज पलामू, हजारीबाग और दुमका में खोले। तीन और मेडिकल कालेज का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। तीनों में 500 बेड का हास्पिटल भी बनेगा। तीन नए मेडिकल कालेज कोडरमा, चाईबासा और बोकारो में खुलेंगे। इन कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पासआउट होने के बाद तीन साल गांवों में सेवा देनी होगी। सरकार का फोकस टेली मेडिसिन पर भी है। बेसिक मेडिकल का डिप्लोमा कोर्स कराकर सरकार युवाओं को स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर बहाल करेगी।

    धनबाद-चंद्रपुरा के वैकल्पिक रेल रूट पर विचार

    धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन बंद होने से प्रभावित हुए लोगों को सरकार राहत देने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रेल मंत्रालय से यह आग्रह किया है कि रेललाइन का वैकल्पिक रूट उन इलाकों में बनाया जा सकता है जो अग्नि प्रभावित नहीं है। रेलवे ने राइट्स को सर्वे की जिम्मेदारी दी है। सर्वे का रिजल्ट सकारात्मक आया तो इस दिशा में तेजी से काम होगा। उन्होंने झरिया में पुनर्वास को एकमात्र विकल्प बताते हुए कहा कि 40 हजार नए आवास बनाए जाएंगे। 

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