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    PHOTOS: आदिवासी दिवस पर हेमंत सोरेन ने दिशोम गुरु को किया याद, सीएम ने निभाई पारंपरिक श्राद्ध कर्म की रस्में

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 12:47 PM (IST)

    आज विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता शिबू सोरेन को याद किया उन्हें अपना मार्गदर्शक और आदिवासी समाज की आत्मा बताया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने मानव जाति को प्रकृति के साथ जीना सिखाया। सोरेन ने आदिवासी नायकों को नमन करते हुए उनकी संस्कृति और अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया।

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    आदिवासी दिवस पर हेमंत सोरेन ने दिशोम गुरु को किया याद कर निभाई पारंपरिक श्राद्ध कर्म की रस्में। जागरण फोटो

    डिजिटल डेस्क, रांची। आज देशभर में आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन एक्स पर पोस्ट कर के लिखा है कि आज विश्व आदिवासी दिवस है पर मेरे मार्गदर्शक, मेरे गुरु, मेरे बाबा सशरीर साथ नहीं हैं। मगर उनका संघर्ष, उनके विचार, उनके आदर्श हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।

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    इस दौरान सीएम ने पारंपरिक श्राद्ध कर्म की रस्में भी निभाई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पारंपरिक श्राद्ध कर्म के पांचवें दिन स्थानीय मान्यताओं के अनुसार अपने परिवार के सदस्यों के साथ पारंपरिक अनुष्ठान करते हुए।

    वह न केवल मेरे पिता थे, बल्कि समस्त आदिवासी समाज समेत झारखंड की आत्मा, संघर्ष के प्रतीक और जल-जंगल-जमीन के सबसे मुखर रक्षक भी थे।

    यह आदिवासी समाज ही है जिसने मानव जाति को प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर खुशहाल जीवन जीने का मार्ग दिखाया है। आदिवासी समाज का जीवन-दर्शन प्रकृति से ही शुरु और प्रकृति पर ही खत्म होता है।

    मगर सदियों से खुद आदिवासी तथा शोषित-वंचित समाज हाशिये पर खड़े रहने को मजबूर रहा। बाबा ने इसी स्थिति को बदलने के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया था।

    विश्व आदिवासी दिवस पर राज्य भर में होने वाला कार्यक्रम उनका प्रिय रहा। क्योंकि, यह अवसर आदिवासी समाज की समृद्ध सभ्यता और संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम रहा है, आदिवासी समाज की प्रतिभा को वैश्विक मंच देने का अवसर बना है।

    आज पूरा विश्व आदिवासी दिवस मना रहा है। इस अवसर पर मैं बाबा दिशोम गुरु सहित हमारे सभी वीर पुरखों को नमन करता हूँ, जिन्होंने संघर्ष और शहादत देकर हमारी पहचान, हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता और हमारे अधिकारों की रक्षा की।

    विश्व आदिवासी दिवस पर मैं नमन करता हूँ अपने वीर पुरखों को, और संकल्प लेता हूं कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर झारखंड और देश में आदिवासी अस्मिता की मशाल को और ऊंचा करूंगा।

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