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    Jharkhand: आदिवासियों को लेकर CM सोरेन के तल्ख हुए तेवर, बोले- 'आबादी 12 करोड़, लेकिन जनगणना में कॉलम तक नहीं'

    By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 05:00 AM (IST)

    Jharkhand नई दिल्ली में आयोजित इंडिया फॉर सोशल जस्टिस के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में रांची से ऑनलाइन जुड़े मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश में आदिवासियों की आबादी 12 करोड़ है लेकिन जनगणना में उनके लिए कॉलम तक नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पहचान और प्रतिनिधित्व दो अहम विषय हैं और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने इसके लिए अपना बचपन जवानी बुढ़ापा सब कुछ न्यौछावर किया है।

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    Jharkhand: आदिवासियों को लेकर CM सोरेन के तल्ख हुए तेवर, बोले- 'आबादी 12 करोड़, लेकिन जनगणना में कॉलम तक नहीं'

    रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि भारत के लिए सामाजिक सुरक्षा का विषय बहुत मायने रखता है। नई दिल्ली में आयोजित इंडिया फॉर सोशल जस्टिस के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में रांची से ऑनलाइन जुड़े मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश में आदिवासियों की आबादी 12 करोड़ है, लेकिन जनगणना में उनके लिए कॉलम तक नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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    उन्होंने कहा कि पहचान और प्रतिनिधित्व दो अहम विषय हैं और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने इसके लिए अपना बचपन, जवानी, बुढ़ापा सब कुछ न्यौछावर किया है। शिबू सोरेन आदिवासी नेता के रूप में देश के पहले व्यक्ति होंगे जिन्होंने इतना लंबा संघर्ष करने के बाद अपना एक जगह बनाया। व्यापक गरीबी, शोषण और समाज पर हो रहे चौतरफा हमले के बीच यह मुकाम हासिल करने में एक उम्र कट जाती है।

    इससे समझा जा सकता है कि एक व्यक्ति के लिए खुद की पहचान और प्रतिनिधित्व की लड़ाई में पूरी उम्र कट जाती है तो पूरे समाज को आगे आने में कितना वक्त लगेगा। आज भी आदिवासी समाज को देश के अंदर कोई जगह नहीं है। यह दुर्भाग्य है कि देश के लगभग 12 करोड़ आदिवासी समूह के लिए जनगणना में कोई स्थान नहीं है। राज्य में 2019 में उनकी सरकार बनने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा पर फोकस किया जा रहा है।

    महिला आरक्षण ठीक, व्यवहार में भी उतरे

    सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड विधानसभा में 13 फीसदी से अधिक महिलाओं की भागीदारी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, जिला परिषद के चुनाव में 50 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित रखी गई है। 50 फीसद आरक्षण की सीमा से भी अधिक महिलाएं चुनाव जीतकर आ रही हैं। यह एक अच्छा संकेत है। देश में महिलाओं को आरक्षण देने का प्रयास शुरू हो गया है।

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    केंद्र सरकार ने कैबिनेट में इससे संबंधित बिल लाया है। कई सारे ऐसे कानून हमारे संविधान में अंकित हैं, लेकिन व्यवहार में बहुत फर्क नजर आता है। दहेज जैसी कुप्रथा, डायन बिसाही का रूढ़िवादी कुप्रथा देखने को मिलती है। झारखंड सरकार शोषित, वंचित, आदिवासी, दलित, पिछड़ों, मजदूरों को सामाजिक न्याय का सुरक्षा कवच दिलाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसके लिए कई योजना और कानून भी बनाए हैं।

    ये लोग रहे शामिल

    कार्यक्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम वीरप्पा मोइली, वामपंथी नेताओं सीताराम येचुरी, डी राजा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सांसद फारूक अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा एवं अन्य शामिल हुए।