कोडरमा, जागरण संवाददाता। बच्चों तुम लोग यहीं बैठो, मैं अभी आता हूं। ये कहकर पिता कहीं गया, लेकिन फिर दोबारा लौटकर नहीं आया। बस में बैठे अपने पिता का इंतजार करते रहे, पिता के इंतजार में बैठे चारो बच्चों की आंखें थक गई, लेकिन पिता लौटकर नहीं आए। पिता कहां गए, कुछ पता नहीं, आंखों में उम्मीद की आस लिए बच्चे अब अपने पिता और माता का इंतजार कर रहे हैें, लेकिन उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।
बच्चों को बेसहारा छोड़कर गया पिता
हजारीबाग के इचाक से चार मासूम शु्क्रवार की रात भटक कर झुमरीतिलैया पहुंच गए। हालांकि, समय रहते इंदरवा चौक के आसपास भटकते बच्चों पर पुलिस गश्ती दल की नजर पड़ी। उसने बच्चों को तिलैया थाना परिसर में लाकर चाइल्डलाइन को सुपुर्द कर दिया। इन बच्चों में नौ वर्षीय सोनी, छह वर्ष की उसकी बहन निशा, दो वर्ष का भाई देवराज और एक वर्ष का भाई आरोही शामिल है।
माता-पिता के झगड़े में लावारिस हुए बच्चे
सोनी के अनुसार मां-पिता के बीच हमेशा झगड़ा हुआ करता था। इस बीच मां गुडिय़ा देवी चारों को इचाक स्थित एक परिचित के घर में छोड़कर चली गई। इसके बाद पिता ने चारों को एक बस पर बिठा दिया। वह झुमरीतिलैया स्थित गुमो निवासी अपनी फुआ ज्योति देवी के घर जा रही थी, लेकिन, उनका पता मालूम नहीं है। उसके पिता मजदूर हैं।