Hemant Soren: सरकार के निशाने पर बैंक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- सभी वर्ग-समुदाय के लोगों को उपलब्ध कराएं ऋण
Jharkhand News नाबार्ड की ऋण संगोष्ठी में राज्य सरकार के निशाने पर रहे बैंक। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के लिए नाबार्ड के स्टेट फोकस पेपर को किया जारी। नाबार्ड ने प्राथमिक क्षेत्र के लिए तैयार किया 34458 करोड़ के क्रेडिट फ्लो का रोड मैप।

रांची, राज्य ब्यूरो। नाबार्ड की स्टेट क्रेडिट सेमिनार में राज्य सरकार के निशाने पर बैंक रहे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैंकों की कार्यशैली पर सवाल उठाए तो कृषि मंत्री बादल व मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने तल्ख अंदाज में बैंकों के रवैये की आलोचना की। बैंकों पर किसानों और पिछड़े वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उन्हें सुधरने की नसीहत दी गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के वित्तीय वर्ष 2022-23 के स्टेट फोकस पेपर जारी किया। नाबार्ड ने स्टेट फोकस पेपर में प्राथमिक क्षेत्र के लिए 34,458 करोड़ के क्रेडिट फ्लो का रोड मैप तैयार किया है।
आर्थिक एवं सामाजिक विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्ण है। विशेषकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में नाबार्ड सहित अन्य राष्ट्रीयकृत एवं प्राइवेट बैंक अपना योगदान देते हैं। इन सभी संस्थानों से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं। बैंक राज्य में सभी वर्ग-सभी समुदायों के लोगों को ऋण एवं अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने पर फोकस करे।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया इस मौके पर कृषि उत्पादक संगठन व समिति, महिला स्वयं सहायता समूह, जल छाजन समिति तथा कृषि-बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबु बकर सिद्धिक, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डा. गोप कुमारन नायर, महाप्रबंधक गौतम सिंह, महाप्रबंधक सुब्रत कुमार नंदा, आरबीआई के प्रभारी महाप्रबंधक संजीव सिन्हा, एसएलबीसी के सुबोध कुमार, नाबार्ड के उप महाप्रबंधक जय निगम सहित अन्य मौजूद थे।
बैंकों का रवैया उदासीन, कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार मुझसे आम जनता विशेषकर महिलाओं ने बैंकों द्वारा ऋण मुहैया नहीं कराए जाने की शिकायतें की हैं। आमजनों द्वारा बैंकों के प्रति शिकायतों से ऐसा प्रतीत होता है कि जरूरतमंदों के साथ बैंकों की रवैया उदासीन रहता है। सवाल उठाया कि आखिर ऐसा क्यों होता है। बैंकिंग संस्थानों द्वारा ऋण उपलब्ध कराने के प्रति उदासीन रवैया ठीक नहीं है। उन्हें अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए। सीएम ने कहा कि नाबार्ड का दायरा बहुत बड़ा है। राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर नाबार्ड राज्य के सर्वांगीण विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, ऐसा मुझे विश्वास है।
एसटी-एससी समुदाय के लोगों को भी प्राथमिकता के साथ ऋण उपलब्ध कराएं बैंक
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि एसटी-एससी समुदाय के लोगों को बैंकों द्वारा ऋण प्रतिबद्धता के साथ नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। बैंक इस श्रेणी के लोगों को भी प्राथमिकता के साथ ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। राज्य के सभी 58 लाख बिरसा किसानों को केसीसी से जोड़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। बैंक राज्य सरकार के साथ समन्वय बनाकर सभी समस्याओं एवं दिक्कतों को निपटाकर किसानों को ऋण देने का कार्य करे।
शत प्रतिशत किसानों को केसीसी उपलब्ध कराएं : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि राज्य में 35 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का योजना का लाभ दिया गया है, परंतु किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से 10 लाख से ज्यादा किसानों को नही जोड़ा जा सका है। मुख्य सचिव ने कहा कि बैंक शत-प्रतिशत किसानों को केसीसी उपलब्ध कराएं। राज्य को नाबार्ड से मिलने वाले ऋण को भी दोगुना किया जाए। ऋण की राशि लगभग ढाई-तीन हजार करोड़ से अधिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट स्कीम के तहत किस जिले में कौन से उत्पाद को प्रमोट किया जाए।
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