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    स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी पर बवाल, निशा भगत के खिलाफ थाने में शिकायत

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 04:12 PM (IST)

    झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर आदिवासी नेत्री निशा भगत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यूथ कांग्रेस के आरिफ रजा ...और पढ़ें

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    निशा भगत ने स्वास्थ्य मंत्री पर दिया था विवादित बयान।

    संवाद सूत्र, इटकी। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के विरुद्ध कथित तौर पर आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के मामले में आदिवासी नेत्री निशा भगत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

    इस संबंध में गुरुवार को यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव आरिफ रजा ने इटकी थाना में लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की मांग की है।

    इटकी थाना प्रभारी को दिए गए आवेदन में आरिफ रजा ने बताया कि 24 दिसंबर 2024 को एक यूट्यूब चैनल (लोकतंत्र 19) को दिए साक्षात्कार में निशा भगत ने माननीय स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

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    उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी नेत्री द्वारा मंत्री को 'चप्पल से मारने' जैसी बात कहना न केवल उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश है, बल्कि इससे समर्थकों में भी भारी आक्रोश और मानसिक पीड़ा है।

    कांग्रेस नेता ने शिकायत में उल्लेख किया है कि निशा भगत पूर्व में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के खिलाफ भी इसी तरह की गैर-जिम्मेदाराना और अमर्यादित टिप्पणी कर चुकी हैं।

    उन्होंने इसे एक आदतन कृत्य बताते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (अपमान) और 506 (धमकी) के तहत कार्रवाई करने का आग्रह किया है। इटकी पुलिस ने शिकायत पत्र प्राप्त होने की पुष्टि की है। पुलिस का कहना है कि दिए गए आवेदन और वायरल वीडियो के साक्ष्यों की जांच की जा रही है, जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर, इस मामले के बाद क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।

    निशा भगत ने दिया जवाब

    आदिवासियों की अस्मिता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं। इधर, इस पूरे विवाद पर निशा भगत ने कड़ा रुख अपनाया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपने बयान की पुष्टि करते हुए कहा कि हेमंत सरकार के मंत्री लगातार आदिवासियों की अस्मिता को चोट पहुंचा रहे हैं।

    उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, 'झारखंड में बालू और कोयला खनन की खुली लूट मची है। आदिवासियों की जमीनें छीनी जा रही हैं और आदिवासी मुख्यमंत्री मूकदर्शक बने हुए हैं।'

    निशा भगत ने स्वास्थ्य मंत्री पर प्रहार करते हुए कहा कि इरफान अंसारी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के बजाय धर्म के आधार पर राजनीति करने में जुटे हैं। उन्होंने वर्तमान हालात को देखते हुए पूरी सरकार से इस्तीफे की मांग की है और झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने की वकालत की है।

    अमर्यादित भाषा का किया था प्रयोग

    निशा भगत ने 24 दिसंबर 2024 को एक यूट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि औकात में रहो इरफान अंसारी नहीं तो चप्पल से मारेंगे। निशा भगत ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जातिवादी और धर्म की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इरफान अंसारी का बस चले तो वह पाकिस्तान के लोगों को यहां नौकरी दे दें।