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    पेसा एक्ट पर सरकार ले सकती है निर्णय, 24 सितंबर की कैबिनेट बैठक पर टिकी है नजर

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 12:35 AM (IST)

    तीन दिनों की छुट्टी के बाद मंगलवार को सचिवालय खुल रहा है और इसके साथ ही तमाम विभाग कैबिनेट की प्रस्तावित बैठक की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट जाएंगे। कैबिनेट बैठक को लेकर विभागों ने अपने-अपने स्तर से तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। सबसे अहम फैसलों में पेसा एक्ट के प्रविधानों को लागू किया जा सकता है।

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    पेसा एक्ट पर कैबिनेट की बैठक में निर्णय हो सकता है, इसे लेकर समय-समय पर आंदोलन होता रहा है।

    राज्य ब्यूरो, रांची । तीन दिनों की छुट्टी के बाद मंगलवार को सचिवालय खुल रहा है और इसके साथ ही तमाम विभाग कैबिनेट की प्रस्तावित बैठक की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट जाएंगे।

    कैबिनेट बैठक को लेकर विभागों ने अपने-अपने स्तर से तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। सबसे अहम फैसलों में पेसा एक्ट के प्रविधानों को लागू किया जा सकता है।

    इसके लिए पंचायती राज विभाग से प्रस्ताव और संलेख मंगलवार को कैबिनेट पहुंच जाएगा। संलेख के आधार पर कैबिनेट राज्य में पेसा एक्ट को लागू करने से संबंधित प्रस्तावों पर विचार कर सकती है।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं विभिन्न विभागों के प्रमुखों से इसके बारे में पिछले दिनों चर्चा की थी। कैबिनेट की बैठक 24 सितंबर को प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में होगी

    दिल्ली गए सीएम हेमंत सोरेन, विधि विशेषज्ञों संग करेंगे मंत्रणा

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को दिल्ली रवाना हुए। उनके साथ मुख्य सचिव अलका तिवारी और अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार भी दिल्ली गए हैं।

    मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की विधि विशेषज्ञों से अहम बैठक होने की संभावना है।

    माना जा रहा है कि यह बैठक झारखंड सरकार से जुड़े उस मामले पर केंद्रित होगी, जिसमें हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है।

    दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सवाल उठाया था कि अब तक सारंडा वन क्षेत्र को सेंचुरी घोषित क्यों नहीं किया गया। इस मामले में कोर्ट ने सीधे राज्य के मुख्य सचिव को तलब किया है।

    आदेश के अनुसार मुख्य सचिव को आठ अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। यही कारण है कि इस मामले में विधिक राय ली जा रही है।

    सारंडा वन क्षेत्र झारखंड का सबसे महत्वपूर्ण जंगल है। यह इलाका न केवल जैव विविधता से समृद्ध है बल्कि यहां दुर्लभ वन्य प्रजातियां भी पाई जाती हैं।

    पर्यावरणविद लंबे समय से इस क्षेत्र को सेंचुरी का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं ताकि यहां खनन और अन्य मानवीय गतिविधियों पर नियंत्रण लग सके। ।

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