बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि
भगवान बुद्ध की प्रतिमा को गेंदा के फूलों से सजाया गया था। दो सौ से अधिक पुरुष व महिलाएं शोभायात्रा में शामिल हुईं

रांची, [जागरण संवाददाता]। शहर के कई हिस्सों में बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा पूरे उत्साह, आस्था और विश्वास के साथ मनाई गई। कहीं प्रतियोगिता का आयोजन हुआ तो कहीं शोभायात्रा निकाली गई। हर जगह बुद्ध के वचन बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि गूंजित हो रही थी।
डोरंडा में छोटानागपुर बौद्ध सोसायटी की ओर से जुलूस निकला। मंदिर प्रांगण से लेकर सिद्धार्थ नगर, नेपाल हाउस से शोभायात्रा गुजरी। दो सौ से अधिक पुरुष व महिलाएं शोभायात्रा में शामिल हुईं। पंचशील ध्वजा, थांगा और त्रिपिटक ग्रंथ, दोमांग आदि साथ-साथ चल रहे थे। माथे पर ग्रंथ सजा था। छोटे-छोटे बच्चे भी उत्साह से इस शोभायात्रा में शामिल हुए। आगे-आगे पालकी पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा चल रही थी। इसे गेंदा के फूलों से सजाया गया था। शोभायात्रा का नेतृत्व सोसायटी के अध्यक्ष एसके तमांग कर रहे थे।
शोभायात्रा गोरखा चौक से सिद्धार्थ नगर तक गई, जहां दार्जिलिंग से आए चार लामा एवं बोध गया से आए दो लाामाओं ने विधिवित पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम दिन भर चलेगा। शोभायात्रा सिद्धार्थनगर स्थित पवित्र स्तूप पहुंचा, जहां लोगों ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद यहां से वापसी हुई। इधर, डोरंडा स्थित जैप वन में भी प्रभात फेरी शोभायात्रा निकाली गई। जैप वन के जवानों ने बैड के साथ भाग लिया। यहां पर नगर भ्रमण किया गया। पवित्र ग्रंथ लेकर श्रद्धालु चल रहे थे।
वर्ल्ड बुद्धाफाउंडेशन में बुद्ध पूर्णिमा का आयोजन
बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर रांची के बरियातु रोड में बुद्धिष्ट मिशन कैंपस स्थित बुद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की पूजा की गई। बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध की पूजा की और विश्व शांति की कामना की। बुद्ध पूजा के माध्यम से भगवान बुद्ध के द्वारा दी गई, शिक्षाओं को याद किया व इसके अनुसरण की कामना की।
चित्रांकन प्रतियोगिता
रांची के बुद्ध स्मृति भवन ट्रस्ट की ओर से चुटिया के मकचुन्द टोली स्थित बुद्ध स्मृति भवन में बुद्ध जयंती मनाई गई। जयंती के अवसर पर अन्तर्विद्यालय वाद विवाद एवम चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजन में सूरज महतो, जनार्दन प्रसाद, अरविन्द कुमार, बसंतु, विगेन्द्र कुशवाहा, गोबिंद महतो, असंख्या महतो, भरत लाल महतो, कैलास महतो, प्रेमरंजन, रामलखन, शशि कान्त, सहित कई लोग शामिल थे। संध्या विचार गोष्ठी भी होगी।

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