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    Jharkhand Delimitation: परिसीमन में आदिवासी सीटें घटने की आशंका को दूर करेगी BJP, आरएसएस भी हुआ एक्टिव

    राज्य में विधानसभा और लोकसभा की सीटों के डीलिमिटेशन (परिसिमन) की चर्चा विधानसभा से प्रारंभ होकर सड़क तक पहुंच चुकी है। आदिवासी मतों के लिए भाजपा की लगातार कोशिशों को झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सामाजिक सांस्कृतिक मुद्दे उठाकर बेअसर करता रहा है। अब डीलिमिटेशन (परिसिमन) का एक नया विवाद खड़ा हो गया है जिससे भाजपा को आदिवासियों का विरोधी बताया जा रहा है।

    By Dibyanshu Kumar Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 21 Mar 2025 06:30 AM (IST)
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    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और संघ प्रमुख मोहन भागवत। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में विधानसभा और लोकसभा की सीटों के डीलिमिटेशन (परिसिमन) की चर्चा विधानसभा से प्रारंभ होकर सड़क तक पहुंच चुकी है। झामुमो-कांग्रेस गठबंधन केंद्र सरकार में बैठी भाजपा पर आरोप लगा रहा है कि इससे राज्य में आदिवासी सुरक्षित सीटों की संख्या कम हो जाएगी।

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    आदिवासी मतों के लिए भाजपा की लगातार कोशिशों को झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सामाजिक सांस्कृतिक मुद्दे उठाकर बेअसर करता रहा है। सीएनटी, सरना कोड जैसे मुद्दे पर विरोधी दल भाजपा को आदिवासियों के खिलाफ बताते रहे हैं।

    अब डीलिमिटेशन (परिसिमन) का एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिससे भाजपा को आदिवासियों का विरोधी बताया जा रहा है। लेकिन इस बार प्रदेश से लेकर केंद्र तक का भाजपा नेतृत्व सक्रिय है।

    विधानसभा में प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में आदिवासियों की संख्या घट रही है। बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासियों की संस्कृति पर हमला कर रहे हैं।

    प्रदेश भाजपा के अन्य नेताओं ने भी एकबार फिर से आदिवासी समाज को बांग्लादेशी घुसपैठ से हो रहे नुकसान पर बयान देना प्रारंभ कर दिया है।

    आदिवासी सीटें कम होने का झूठ दूर करेगी भाजपा

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने केंद्रीय नेतृत्व को डीलिमिटेशन पर विरोधियों के दुष्प्रचार की जानकारी दी है। अभी यह प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इस मुद्दे पर सक्रिय हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही भाजपा स्थिति स्पष्ट करेगी।

    भाजपा नेताओं का मानना है कि डीलिमिटेशन की प्रक्रिया पर अभी कोई निर्णय बनाना उचित नहीं है। उनका मानना है कि अगर डीलिमिटेशन होता है तो राज्य में विधानसभा और लोकसभा के लिए आदिवासी सीटों में कोई बदलाव नहीं होगा।

    संभव है कि कुछ सीटें बढ़ें। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बिना अभी कोई बोलने को तैयार नहीं है।

    पूर्णिमा साहू ने शून्यकाल में मांगा महिला विधायकों के लिए आरक्षण

    भाजपा विधायक पूर्णिमा साहू ने गुरुवार को विधानसभा में शून्यकाल में महिला विधायकों के लिए आरक्षण की मांग की। उन्होंने सूचना के माध्यम से स्पीकर से इसकी मांग करते हुए कहा कि सदन में 12 महिला विधायक हैं।

    वर्तमान व्यवस्था में उन्हें शून्यकाल में जनता की समस्याओं को उठाने के लिए समय नहीं मिल पाता। इसमें उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। उनकी इस मांग की मुख्यमंत्री सहित कई विधायकों ने मेज थपथपाकर सराहना की।

    स्पीकर ने कहा कि महिला विधायकों को शून्यकाल में पर्याप्त समय मिल सके, इसकी व्यवस्था की जाएगी। 

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