Nishikant Dubey: सांसद निशिकांत दुबे को मिली बड़ी राहत, झारखंड हाईकोर्ट ने रद्द की चार FIR
झारखंड हाई कोर्ट से गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने मधुपुर उपचुनाव में निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज चार प्राथमिकी रद्द कर दी है। निशिकांत दुबे ने उपचुनाव के दौरान एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट के खिलाफ अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट से गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने मधुपुर उपचुनाव में निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज चार प्राथमिकी रद्द कर दी है।
निशिकांत दुबे ने उप चुनाव के दौरान एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट के खिलाफ अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनको रद्द करने के लिए निशिकांत दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि उनके ट्वीट करने के छह माह बाद अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
निशिकांत दुबे की ओर से अदालत को बताया उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना गलत है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती, बल्कि अदालत में शिकायतवाद दायर की जाती है। इसके बाद अदालत ने सभी प्राथमिकी रद्द कर दी।
भाजपा ने अधिकारियों को दी सलाह
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे राज्य सरकार के गैरकानूनी और गलत कार्यों के सहभागी नहीं बनें। रूल बुक के मुताबिक, संविधान और देश के कानून के अनुरूप कार्य करें।
सरकार के हाल के कार्यों से लगता है कि वह अपना खुद का सीआरपीसी बना चुकी है। देश का कानून सर्वोच्च होता है। कैबिनेट सेक्रेटरी ने आपत्तिजनक पत्र ईडी को लिख कर अपने अफसरों को तलब किए जाने के मुद्दे पर जानकारी मांगी है। यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवहेलना है।
प्रतीत होता है कि सरकार अब गैर कानूनी रास्तों का सहारा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही केंद्र सरकार की मुहिम को रोकना चाहती है। पत्र सीधे तौर पर देश की संसद के द्वारा स्थापित ईडी की शक्तियों को चुनौती देने वाला है। इसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी सही ठहराया है।
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