Jharkhand News: बाबूलाल मरांडी सहित BJP के 28 नेताओं को सुप्रीम कोर्ट से राहत, राज्य सरकार की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट से निशिकांत दुबे बाबूलाल मरांडी सहित 28 भाजपा नेताओं को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है। सचिवालय घेराव के मामले में पुलिस ने प्राथमिक की दर्ज की थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया है।
जागरण संवाददाता, रांची। सुप्रीम कोर्ट से निशिकांत दुबे, बाबूलाल मरांडी सहित 28 भाजपा नेताओं को बड़ी राहत मिली है। वर्ष 2023 में सचिवालय मार्च के दौरान इन नेताओं पर पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
इससे पहले हाईकोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करने का फैसला दिया था।
राज्य सरकार की ओर से दायर की गई एसएलपी
14 अगस्त को इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था, जिसमें निशिकांत दुबे, बाबूलाल मरांडी सहित 28 भाजपा नेताओं को राहत देते हुए पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया गया था।
इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर एसएलपी दाखिल की गई थी। अब राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में वही फैसला सुनाया है। इस मामले में बीजेपी के सभी नेताओं को बड़ी राहत मिली है।
साल 2023 का है मामला
साल 2023 में भाजपा की ओर से बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था। इसमें पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। वॉटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया और लाठीचार्ज भी किया था।
सचिवालय तक मार्च पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी निशिकांत दुबे और राज्य के पार्टी सांसदों के नेतृत्व में शुरू हुआ था।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर बलपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश की थी, जिसपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की थी।
खूंटी मनरेगा घोटाला मामले में सुनवाई
- हाईकोर्ट ने खूंटी मनरेगा घोटाला मामले में पूजा सिंघल की भूमिका की जांच की मांग वाली याचिका को निष्पादित कर दिया है। अदालत में कहा इस मामले में अब कोई मुद्दा नहीं बचा है।
- इसलिए आपको याचिका को निष्पादित किया जाता है। बता दे कि खूंटी में डीसी रहते हुए पूजा सिंघल पर मनरेगा घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
पैनल कोल माइंस मामले में सुनवाई
पैनल कोल माइंस से अवैध खनन के मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान खान सचिव कोर्ट में उपस्थित हुए और उनकी ओर से जवाब दाखिल किया गया जिस पर प्रार्थी की ओर से उत्तर दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।