Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड के लिए BJP की अलग प्लानिंग! अब किसकी कुर्सी खतरे में? सामने आई अंदर की रिपोर्ट

    भाजपा को हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर मजबूती बनाए रखने के लिए निचले स्तर तक सदस्यता अभियान के लिए जोर लगाया है जिसका लक्ष्य बड़ा है और महत्वपूर्ण है क्योंकि क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सत्ता में शानदार वापसी की है।

    By Pradeep singh Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 23 Dec 2024 06:58 PM (IST)
    Hero Image
    झारखंड के लिए BJP की अलग प्लानिंग

    प्रदीप सिंह, रांची। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में पराजय से उबरने की कोशिश कर रही भाजपा को कई मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। संगठनात्मक स्तर पर मजबूती बनाए रखने की कड़ी में पार्टी ने निचले स्तर तक सदस्यता अभियान के लिए जोर लगाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सदस्यता अभियान का लक्ष्य भी बड़ा है और यह इस मायने में महत्वपूर्ण है कि क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सत्ता में शानदार वापसी कर अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार किया है। नई राजनीतिक परिस्थितियों में पार्टी को राज्य में नेतृत्वकर्ता की तलाश होगी।

    भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को पार्टी विधायक दल का नेता बनाया जाना लगभग तय है। ऐसे में उनके स्थान पर एक सक्षम नेता को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपने की तैयारी है।

    बताया जाता है कि भाजपा की नजर ओबीसी समुदाय से एक सक्षम नेतृत्व पर है। पूर्व में विधायक दल के नेता रहे अमर कुमार बाउरी चुनाव हार चुके हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए सांगठनिक अनुभव के साथ-साथ बेहतर छवि वाले नेता की तलाश है।

    उल्लेखनीय है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति समेत कई प्रांतों के अध्यक्ष बदले जाने हैं। इसी कड़ी में झारखंड में भी नेतृत्व में बदलाव होगा।

    भाजपा के एक वरीय नेता के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व राज्य में संगठनात्मक स्थिति को लेकर काफी गंभीर है। चुनाव में हार के कारणों पर मंथन के बाद रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जा चुका है।

    दो राज्यसभा सदस्य हैं कतार में

    • भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए राज्यसभा के दो सदस्य कतार में हैं। इनमें आदित्य साहू और डा. प्रदीप वर्मा शामिल हैं। दोनों को राज्य में लंबा सांगठनिक अनुभव भी है।
    • विभिन्न स्तरों पर उन्होंने जिम्मेदारियों का भी निर्वाह किया है। इनकी छवि भी अच्छी और निर्विवाद है। दोनों नेता ओबीसी समुदाय से आते हैं।
    • दल के प्रति निष्ठा की वजह से ही इन्हें पार्टी ने राज्यसभा का सदस्य बनाया है। दोनों में एक के नाम पर आलाकमान की मुहर लग सकती है।

    नेता विधायक दल की भी होगी औपचारिक घोषणा

    भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता भी जल्द पूरी की जाएगी। केंद्रीय नेतृत्व इसके लिए पर्यवेक्षक तैनात करेगा। पर्यवेक्षक विधायकों से बातचीत कर विधायक दल के नेता की घोषणा करेंगे।

    यह भी पढ़ें-

    झारखंड के 2 लाख युवाओं की बल्ले-बल्ले, 2025 में मिलने जा रही खुशखबरी; सरकार का एलान

    'मक्खी मारने के लिए बैठक में नहीं आएं', हेमंत की मंत्री ने अफसरों को क्यों हड़काया? तेवर देखकर विभाग में हड़कंप