बिहार के परिणाम से झारखंड में भी कांग्रेस बैकफुट पर, हालात नहीं सुधरे तो पदाधिकारियों पर गिरेगी गाज
बिहार चुनाव के नतीजों से झारखंड कांग्रेस में चिंता है। पार्टी नेतृत्व परिणामों का विश्लेषण कर रहा है और खराब प्रदर्शन जारी रहने पर पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

बिहार की हार से झारखंड में कांग्रेस बैकफुट पर। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार में चुनाव परिणाम झारखंड के कई सीनियर नेताओं के लिए चेतावनी भरा संदेश दे रहा है। खासकर उन नेताओं के लिए जिन्हें पार्टी में पद तो मिला है लेकिन, काम करने में पीछे रह जा रहे। ऐसे नेताओं की निगरानी शुरू कर दी जाएगी।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद झारखंड के कांग्रेसी भी सकते में हैं। पार्टी के कई नेता कुछ बोल पाने की स्थिति में भी नहीं हैं। पार्टी के इन नेताओं को सदमा जैसा लगा हुआ है।
बिहार में पार्टी की हार के बाद कई नेताओं के मुखर होने का खतरा पार्टी नेतृत्व को सताने लगा है। यही कारण है कि बयानबाजी पर रोक लगाने की कवायद शुरू हो गई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर स्वीकार करते हैं कि पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों से कहीं पीछे रहा।
इसकी समीक्षा केंद्रीय नेतृत्व कर रहा है और इस समीक्षा के बाद ही आगे की रणनीति बनेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश झारखंड के लिए तय कार्यक्रमों के माध्यम से गतिविधियों को बनाए रखना चाहते हैं।
कमलेश ने परिणाम को अप्रत्याशित करार देते हुए चुनाव आयोग पर तंज कसा और कहा कि लोग कह रहे हैं कि यह चुनाव आयोग की जीत है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस की कमजोरियों पर कुछ नहीं कहा और सीधी टिप्पणी से बचते रहे।
इन आंकड़ों की बदौलत पार्टी झारखंड में सीटों की दावेदारी कैसे कर पाएगी, यह देखने की बात होगी। अपना कुल मिलाकर पार्टी कहीं ना कहीं बैकफुट पर दिख रही है।
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