Ranchi News: धुर्वा डैम में दर्दनाक हादसा; जज के बाडीगार्ड और ड्राइवर की मौत, एक शव लापता
रांची के धुर्वा डैम में नहाने गए जज के बॉडीगार्ड और ड्राइवर की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। एक शव अभी भी लापता है, जिसकी तलाश जारी है। पुलिस और बचाव दल मौके पर मौजूद हैं और गोताखोरों की मदद से तलाशी अभियान चला रहे हैं।

धुर्वा डैम में दर्दनाक हादसा। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, तुपुदाना (रांची)। रांची के धुर्वा डैम में शुक्रवार देर रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें जमशेदपुर से आए दो जजों के दो बाडीगार्ड उपेंद्र सिंह, रोबिन कुजूर और दो चालक अनिल सिंह और सत्येंद्र सिंह पानी में डूब गए।
चार लोगों में से तीन के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि चालक सत्येंद्र सिंह का शव अब तक नहीं मिल पाया है। इस घटना से पूरे प्रशासनिक और न्यायिक तंत्र में शोक की लहर है।
पुलिस के अनुसार, झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर 15 नवंबर को ज्यूडिशियल अकादमी में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें शामिल होने के लिए जमशेदपुर से दो जज अपने चालक और बाडीगार्ड के साथ रांची आए थे। शुक्रवार की रात जजों को गेस्ट हाउस में छोड़ दिया गया।
इसके बाद रात लगभग 11 बजे चारों कर्मचारी अपनी कार से धुर्वा डैम घूमने के लिए निकल गए। घटना डैम के मुख्य फाटक के पास हुई, जहां अंधेरा काफी अधिक था। वहां लगी सोलर लाइट कई दिनों से खराब थी, जिस कारण रात में रोशनी बिल्कुल नहीं थी।
उसी अंधेरे में कार चालक अनिल सिंह का संतुलन बिगड़ा और वाहन सीधे डैम में समा गया। कार पानी में गिरते ही चारों लोग डूबने लगे। गहराई अधिक होने और कार के अचानक पानी में उतर जाने के कारण तीन लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिल पाया।
स्थानीय लोगों ने डैम के भीतर कार की लाइट जलती हुई देखी और तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही धुर्वा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सीठीओ क्षेत्र के गोताखोरों को बुलाया गया। थोड़ी देर बाद एनडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई।
गोताखोरों ने मशक्कत के बाद कार के भीतर फंसे उपेंद्र कुमार सिंह, रोबिन कुजूर और चालक अनिल सिंह के शवों को बाहर निकाला। ये तीनों कार के अंदर ही फंस गए थे और दम घुटने से उनकी मौत हो गई थी।
हालांकि चौथा कर्मचारी, चालक सत्येंद्र सिंह कार में नहीं मिला। पुलिस का अनुमान है कि कार के पानी में गिरते ही वह बाहर निकलने की कोशिश में डैम में कूद गया होगा, लेकिन वह डूब गया। उसे ढूंढने के लिए शनिवार की शाम छह बजे तक एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीम प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाए।
जमशेदपुर के रहने वाली थे सभी मृतक
मृतक सभी जमशेदपुर के जगसुलाई इलाके के रहने वाले थे। इनमें रोबिन कुजूर मूल रूप से बिहार के टेकारी के निवासी थे। इनके निधन की खबर मिलते ही स्वजनों में कोहराम मच गया।
सत्येंद्र सिंह के घरवाले उसका शव मिलने तक डैम के किनारे से जाने को तैयार नहीं थे। एनडीआरएफ की टीम रविवार की सुबह फिर से सत्येंद के शव को खोजने का काम करेगी।
दोनों चालक कार में आगे बैठे थे और दोनों बाडीगार्ड पीछे
पुलिस ने बताया कि कार में दोनों बाडीगार्ड पीछे की सीट पर थे और दोनों चालक आगे बैठे हुए थे। कार की तलाशी के दौरान दोनों बाडीगार्ड के आधिकारिक हथियार, दो पिस्टल और गोलियां बरामद की गईं।
पुलिस के मुताबिक दोनों बाडीगार्ड वर्दी में थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही कई जज, पुलिस अधिकारी और न्यायालय के कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंच गए। नगड़ी थाना में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। हादसे के कारणों की विस्तृत जांच भी शुरू कर दी गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि धुर्वा डैम में सुरक्षा व्यवस्था लंबे समय से उपेक्षित है। रात में डैम के प्रवेश द्वार और आसपास के क्षेत्र में रोशनी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। सोलर लाइट खराब होने के कारण वहां घुप्प अंधेरा रहता है।
कई बार इसकी शिकायत किए जाने के बावजूद भी लाइट की मरम्मत नहीं कराई गई। लोगों का कहना था कि यदि डैम परिसर में रोशनी होती तो संभव है कि यह हादसा टल सकता था।
तीनों शवों का पोस्टमार्टम कर घरवालों को सौंप दिया गया
पुलिस का कहना है कि तीनों शवों का पोस्टमार्टम कर घरवालों को सौंप दिया गया । जमशेदपुर के जगसुलाई क्षेत्र में शोक का माहौल है, जहां चारों मृतक एक-दूसरे के परिचित थे।
घरवालनों का कहना था कि अपने काम की जिम्मेदारी निभाने के बाद चारों सिर्फ थोड़ी देर घूमने गए थे, लेकिन उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि यह सफर उनका आखिरी सफर बन जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था की लापरवाही पर बड़ा सवाल
यह हादसा प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की लापरवाही पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे समय में भी जरूरी सुरक्षा इंतजाम नहीं होना चिंता का विषय है।
धुर्वा डैम में हुई यह दुखद घटना चार परिवारों को हमेशा के लिए गम दे गई और लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन फिलहाल पूरे शहर में शोक और स्तब्धता का माहौल है।

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