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    Jharkhand High Court: शिक्षक नियुक्ति में बड़ा फैसला, आयु सीमा विवाद पर सभी अभ्यर्थियों को राहत

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 07:58 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की पीठ ने माध्यमिक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2025 में आयु सीमा को लेकर प्रार्थियों को अंतरिम राहत प्रदान की है। कोर्ट ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को निर्देश दिया है कि वह उन सभी अभ्यर्थियों का आफलाइन आवेदन स्वीकार करें जो निर्धारित अधिकतम आयु सीमा पार कर चुके हैं।

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    कोर्ट ने कहा-उन सभी अभ्यर्थियों का आफलाइन आवेदन स्वीकार करें, जो निर्धारित अधिकतम आयु सीमा पार कर चुके हैं।

    राज्य ब्यूरो,  रांची।  झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की पीठ ने माध्यमिक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2025 में आयु सीमा को लेकर प्रार्थियों को अंतरिम राहत प्रदान की है।

    कोर्ट ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को निर्देश दिया है कि वह उन सभी अभ्यर्थियों का आफलाइन आवेदन स्वीकार करें, जो निर्धारित अधिकतम आयु सीमा पार कर चुके हैं।

    आयोग की ओर से इस विज्ञापन में उम्र सीमा का निर्धारण एक अगस्त 2025 किया है, जबकि अभ्यर्थी इसे एक अगस्त 2020 करने की मांग कर रहे हैं।

    इस मामले में प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने पक्ष रखते हुए कहा कि वर्ष 2016 में एक जनहित याचिका में कोर्ट ने राज्य सरकार को पद सृजन की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया था।

    लेकिन इसके बावजूद लगभग सात वर्षों की देरी के बाद अप्रैल 2025 में पद स्वीकृत किए गए। विज्ञापन में एक अगस्त 2020 आयु सीमा निर्धारित कर देने से कई पात्र अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह गए।

    अधिवक्ता चंचल जैन ने कोर्ट को यह भी अवगत कराया कि राज्य कि लापरवाही के कारण योग्य अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं, जिससे उनके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

    राज्य सरकार और जेएसएससी की ओर से कहा गया कि यह एक नहीं नियुक्ति है, जिसके लिए पहली बार विज्ञापन जारी हुआ है, इसलिए इसमें किसी प्रकार की लापरवाही का प्रश्न नहीं उठता।

    कोर्ट ने कहा कि प्रार्थियों सहित उन सभी अभ्यर्थियों को आवेदन का अवसर दिया जाना चाहिए, जो देरी के कारण आयु सीमा पार कर चुके हैं। इसके लिए जेएसएससी को निर्देशित किया गया है कि वह आफलाइन आवेदन फार्म उपलब्ध कराए तथा वेबसाइट या कार्यालय से आवेदन की सुविधा दे।

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    इसके अलावा विज्ञापन में आवश्यक संशोधन जारी करने को भी कहा गया है ताकि भ्रम की स्थिति न बने। मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन प्रार्थियों का चयन अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा।