Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चतरा में आंगनवाड़ी सहायिका की नई नियुक्ति पर रोक, कोर्ट ने हेमंत सरकार से मांगा जवाब

    झारखंड हाईकोर्ट ने चतरा के सिमरिया प्रखंड की आंगनवाड़ी सेविका सोनी कुमारी की नियुक्ति रद करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस आनंद सेन ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। प्राथी के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारी ने बिना कोई कारण बताए हुए प्रार्थी के चयन को निरस्त किया है।

    By Manoj Singh Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 21 Mar 2025 07:06 PM (IST)
    Hero Image
    कोर्ट ने हेमंत सरकार से मांगा जवाब। (फोटो जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की पीठ में चतरा के सिमरिया प्रखंड में आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई।

    सुनवाई के बाद अदालत ने सीडीपीओ की ओर से नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने मामले में राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसको लेकर सोनी कुमारी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    4 जनवरी 2025 को सोनी कुमारी का किया गया था चयन

    सुनवाई के दौरान प्रार्थी के वरीय अधिवक्ता ए अल्लाम और फैजल अल्लाम ने अदालत को बताया कि चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड अंतर्गत पगार पंचायत के आंगनवाड़ी में सहायिका के पद पर 4 जनवरी 2025 को सोनी कुमारी का चयन आमसभा से किया गया।

    लेकिन पांच जनवरी को ही सीडीपीओ सोनी कुमारी के चयन को रद करते हुए नए सिरे से चयन प्रक्रिया प्रारंभ कर दिया, ऐसा करना गलत है।

    अधिकारी ने बिना कोई कारण बताए हुए प्रार्थी के चयन को निरस्त किया है। इसलिए नए चयन प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। सुनवाई के बाद अदालत ने नए चयन प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा है।

    झारखंड हाई कोर्ट पहुंचे योगेंद्र साव, भ्रष्टाचार मामले की कराएंगे जांच

    वहीं, दूसरी ओर गढ़वा में चिनियां प्रखंड के बरवाडीह पंचायत के भाजपा नेता योगेंद्र साव ने अपने ऊपर हुए गोलीकांड और बरवाडीह पंचायत में हुए विभिन्न विकास योजनाओं की जांच सीबीआई से कराने के लिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार से मुलाकात की है।

    उन्होंने आरटीआई से प्राप्त 2016 से 2025 तक मनरेगा सहित बरवाडीह पंचायत समेत गढ़वा जिले में हुए भ्रष्टाचार के कागजात अधिवक्ता राजीव कुमार को उपलब्ध कराए हैं।

    योगेंद्र ने अधिवक्ता को अपने ऊपर हुए हमले की जांच सीबीआई से कराने के लिए ठोस कारण और प्रमाण उपलब्ध कराए हैं।

    साथ ही आशंका जाहिर की है कि पूर्व बीस सूत्री उपाध्यक्ष सह झामुमो नेता नितेश सिंह को बचाने के लिए गढ़वा पुलिस मुख्य षड़यंत्रकारी तक नहीं पहुंच पा रही है, क्योंकि मुख्य षड़यंत्रकारी नितेश सिंह ही है।

    उन्होंने अपने ऊपर संभावित खतरे की शिकायत 2020 में ही चिनियां थाने को की थी। जिसमे उन्होंने साफ शब्दों में नितेश सिंह पर आरोप लगाते हुए लिखा था कि नितेश से उनको जान का खतरा है।

    यह भी पढ़ें-

    Jharkhand: हेमंत सोरेन की भाभी के खिलाफ रांची कोर्ट में शिकायत, किडनैपिंग से जुड़ा है मामला

    Jharkhand Delimitation: परिसीमन में आदिवासी सीटें घटने की आशंका को दूर करेगी BJP, आरएसएस भी हुआ एक्टिव