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    Jharkhand Politics: झारखंड में टीम BJP को मिल गया 'कप्तान', अब NDA को एकजुट करने की तैयारी

    Updated: Thu, 13 Mar 2025 06:48 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में एनडीए के बीच बेहतर समन्वय के प्रयास तेज हो गए हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन के बाद भाजपा विधायक एकजुट दिख रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने एनडीए के घटक दलों के बीच समन्वय के प्रयास किए हैं। सदन में सत्तापक्ष को घेरने के लिए संयुक्त रणनीति बनाई जा रही है।

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    झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Election 2024) परिणाम आने के बाद लगभग तीन महीने तक भाजपा के विधायकों को विधानसभा में अपने नेता के लिए इंतजार करना पड़ा। इस परिस्थिति ने सत्तापक्ष को निशाना साधने का भी मौका दिया।

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    विधानसभा के चालू बजट सत्र में भी कई ऐसे मौके आए, जब सदन में भाजपा विधायकों के बीच समन्वय और तारतम्यता की घोर कमी दिखी। भाजपा के विधायक इसे महसूस कर रहे थे, लेकिन दलीय अनुशासन की वजह से खुलकर सामने नहीं आ पा रहे थे।

    24 घंटे में मिल गई नेता प्रतिपक्ष की मान्यता

    विधायकों के स्तर से भी केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाया गया तो आनन-फानन में केंद्रीय पर्यवेक्षक तैनात कर इस प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी विधायक दल के नेता बनाए गए और अगले दिन ही उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता मिल गई।

    विधानसभा में भाजपा विधायक दल का नेता चयनित होने के बाद भाजपा विधायक अगर तेवर में दिख रहे हैं तो इसकी एक बड़ी वजह नेतृत्व को लेकर संशय का दौर समाप्त होना है।

    समन्वय के प्रयास में जुटे बाबूलाल मरांडी

    उधर, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एनडीए के घटक दलों के बीच समन्वय के प्रयास किए हैं, ताकि सदन में सत्तापक्ष को मिलकर घेरा जा सके। उन्होंने इन दलों के विधायकों से विधानसभा का सत्र आरंभ होने के आधे घंटे पूर्व होने वाली बैठक में भी आने का आग्रह किया है, ताकि साझा रणनीति पर काम कर दबाव बनाया जा सके।

    जमशेदपुर पश्चिम से जदयू के विधायक सरयू राय ने कहा कि नेता चयनित होने के बाद बाबूलाल मरांडी ने उनसे संपर्क किया। पहले भी अक्सर उनसे राज्य के मसलों पर बातचीत होती थी।

    सदन के भीतर आपसी तालमेल का अभाव

    सदन में अभी तक एनडीए के विधायक सत्तापक्ष को घेरने के लिए एक साथ कभी नहीं दिखे। भाजपा के विधायकों ने अपने स्तर से रणनीति बनाई। हालांकि, एनडीए के घटक दल में शामिल जदयू, आजसू और लोजपा रामविलास के विधायकों के बैठने की व्यवस्था भाजपा विधायकों के साथ ही है।

    विधानसभा में इन दलों के एक-एक विधायक हैं। सभी अपने स्तर से अपने मुद्दे उठाते हैं। भाजपा द्वारा समन्वय की पहल किए जाने के बाद संभावना है कि महत्वपूर्ण विषयों पर एनडीए सदन में एकजुट दिखे।

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