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    Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी ने दुमका में किया था जनता से वादा, झारखंड को अलग राज्य का दिया तोहफा

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 01:27 PM (IST)

    Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: राज्यसभा सदस्य प्रदीप वर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटलजी ने 1999 में दुमका में वादा किया ...और पढ़ें

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    अटल बिहारी वाजपेयी ने निभाया था जनता से किया वादा। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, रांची। राज्यसभा सदस्य प्रदीप वर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा है कि अटलजी ने दुमका में वर्ष 1999 में हुई एक रैली में उपस्थित भारी जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर एनडीए की सरकार बनती है तो मैं आपको झारखंड अलग राज्य का तोहफा दूंगा।

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    इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत हुई और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने। अपने वायदे के अनुरूप उन्होंने झारखंड के लोगों से किया अपना वादा निभाया।

    15 नवंबर, वर्ष 2000 को झारखंड देश के 28वें राज्य के तौर पर अस्तित्व में आया। राज्य के लोगों की चिर प्रतीक्षित मनोकामना पूरी हुई। झारखंड के साथ ही देश में दो छोटे राज्य उत्तरांचल और छत्तीसगढ़ का भी निर्माण हुआ।

    वर्मा ने कहा कि भारतीय राजनीति के अजातशत्रु की पदवी पाने वाले अटलजी की जयंती पूरे देश में सुशासन दिवस के तौर पर मनाई जा रही है। उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। न जाने कितने झंझावातों से झारखंड के लोगों का सामना हुआ और अलग राज्य के आंदोलन की राह में न जाने कितने मुकाम आए, लेकिन अलग राज्य का सपना साकार किया।

    अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग राज्य की राह में दशकों तक तपकर झारखंड को कुंदन की तरह निखारकर स्वरूप देने का दूरदर्शी फैसला किया। हमारे अटलजी ने उनके दूरदर्शी और सामयिक फैसले ने भाजपा की पार्टी जो कहती है, वो करती है की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।

    प्रदीप वर्मा ने कहा कि वाजपेयी मानते थे कि प्रकृति और सभी जीव-जंतुओं के साथ सह-अस्तित्व और सामंजस्य स्थापित करना अति आवश्यक है, जो आदिवासी संस्कृति के मूल में है। उनके नेतृत्व में आदिवासी समुदाय के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में कई योजनाओं और कार्यक्रमों को मूर्त रुप प्रदान किया गया था।

    इससे देश के दूरस्थ आदिवासी बहुल इलाकों में भी जमीनी स्तर पर विकास देखा गया। जनजातीय कल्याण के मुद्दों पर त्वरित और तीव्र गति से काम करने के उद्देश्य से ही उनके प्रधानमंत्री रहते सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से अलग हटकर आदिवासी मामलों का एक अलग मंत्रालय बनाया गया था।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान की चर्चा करते हुए वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी आबादी तक पहुंचने और उनकी सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत की रक्षा करते हुए उनके बहुआयामी विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

    इस संदर्भ में केंद्र सरकार आदिवासी गांवों में समग्र विकास को बढ़ावा देने और उनके सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में सुधार करने के निमित्त धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के शुभारंभ से लेकर पूरे देश में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को 'जनजातीय गौरव दिवस' के तौर पर मनाने, पीएम जनमन योजना का श्रीगणेश करने, एकलव्य विद्यालयों की संख्या बढ़ाने, डीबीटी के जरिये आदिवासी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने, स्किल सेल एनीमिया को पूरी तरह से समाप्त करने, जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण को समर्पित 'स्वास्थ्य' पोर्टल का शुभारंभ करने तथा वन धन योजना को अमली जामा पहनाने जैसे कार्यों के जरिये अटल जी के सपनों को पूरा करने में लगी है।

    'सबका साथ सबका विकास' के मंत्र को मूर्त रूप प्रदान करते हुए मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय आदिवासी कल्याण के निमित्त दो सौ से ज्यादा योजनाओं को पूरा करने में लगे हैं।