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    झारखंड में अब ओला-ऊबर की तरह होगी एंबुलेंस की बुकिंग, प्राइवेट संचालक भी होंगे शामिल

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 03:08 PM (IST)

    झारखंड सरकार घायलों और मरीजों के लिए एंबुलेंस सेवा को सुगम बनाने हेतु एक मोबाइल ऐप तैयार कर रही है। इस ऐप के माध्यम से 108 एंबुलेंस और ममता वाहन की बु ...और पढ़ें

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    झारखंड में एंबुलेंस। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार की योजना सफल रही तो शीघ्र ही घायलों एवं मरीजों के त्वरित इलाज के लिए एंबुलेंस आसानी से उपलब्ध होगा। राज्य सरकार 108 एंबुलेंस के लिए मोबाइल ऐप तैयार कराएगी, जिसके माध्यम से कोई जरूरतमंद व्यक्ति एंब़ुलेंस की बुकिंग करा सकेंगे।

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    इसी ऐप के माध्यम से ममता वाहन को भी कॉल किया जा सकेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि 108 एंबुलेंस से निजी एंबुलेंस को भी जोड़ा जाएगा। निजी एंबुलेंस संचालकों को प्रति किमी की दर से भुगतान किया जाएगा।

    स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को 108 एंबुलेंस सेवा तथा राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें इन दोनों योजनाओं को बेहतर और प्रभावी बनाने को लेकर उक्त सेवाएं शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए गए।

    बैठक में सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) आमंत्रित करने तथा 108 एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी को तैयार होने वाले सॉफ्टवेयर को रन कराने के निर्देश दिए गए। सॉफ्टवेयर काे हर वर्ष अपडेट किया जाएगा।

    उपलब्ध एंबुलेंस की डेंटिंग-पेंटिंग के निर्देश

    बैठक में वर्तमान में उपलब्ध सभी एंबुलेंस की डेंटिंग-पेंटिंग के निर्देश दिए गए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जो एंबुलेंस खरीदी जानेवाली है उनका भी चार वर्ष डेंटिंग-पेंटिंग किया जाए ताकि एंबुलेंस बेहतर स्थिति में रहे।

    निजी एंबुलेंस का होगा विभागीय सर्टिफिकेशन

    स्वास्थ्य विभाग सभी निजी एंबुलेंस का सर्टिफिकेशन के बाद उनका निबंधन करेगा। एंबुलेंस का नियमित मूल्यांकन होगा तथा नियम विरुद्ध पाए जाने पर उसका निबंधन रद किया जाएगा। बैठक में इस संबंध में भी निर्णय लिया गया।

    राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना में फरवरी से पहले बीमा कंपनी के चयन के निर्देश

    अपर मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत काम कर रही वर्तमान बीमा कंपनी का टाटा एआइजी का कार्यकाल अगले वर्ष फरवरी में खत्म हो रहा है। इसलिए अवधि समाप्त होने से पहले ही नई बीमा कंपनी का चयन किया जाए ताकि राज्य कर्मियों एवं उनके आश्रितों को इलाज में किसी तरह की परेशानी न हो।

    योजना से जुड़ें पड़ोसी राज्यों व महानगरों के अस्पताल

    अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सीजीएचएस दर पर इलाज के लिए राज्य के सभी बड़े अस्पतालों को सूचीबद्ध किया जाए। साथ ही पड़ोसी राज्यों जैसे बिहार, ओडिशा एवं बंगाल सहित महानगरों के अस्पतालों में भी इस दर पर इलाज के लिए अस्पतालों को सूचीबद्ध करने का प्रयास किया जाए। इससे बाहर के अस्पतालों में इलाज करानेवाले राज्य कर्मियों को कोई परेशानी नहीं होगी।