ABVP Election: विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री बने याज्ञवल्क्य शुक्ल, अध्यक्ष बने राजशरण शाही
Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का चुनाव संपन्न हो गया है। नए सत्र के लिए महामंत्री और अध्यक्ष का चुनाव हो गया है। इसबार झारखंड के छात्र नेता को राष्ट्रीय महामंत्री का पद मिला है।

रांची, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजशरण शाही और राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल होंगे। मंगलवार को मुंबई स्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केंद्रीय कार्यालय में निर्वाचन पदाधिकारी ने दोनों नामों की घोषणा की। दोनों 25 नवंबर 2022 से 27 नवंबर 2022 तक राजस्थान के जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में अगले एक वर्ष के लिए दायित्व संभालेंगे। उसके बाद दोनों अपनी टीम की घोषणा करेंगे। अभी राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर निधि त्रिपाठी व अध्यक्ष के पद पर गुजरात के सीएन पटेल हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रतिवर्ष चुनाव होता है।
जानिए कौन हैं राजशरण शाही व याज्ञवल्क्य शुक्ल
राजशरण शाही लखनऊ में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में शिक्षा शास्त्र विभाग में सह आचार्य के पद पर कार्यारत हैं। वह गोरखपुर के निवासी हैं। वर्तमान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वहीं याज्ञवल्क्य शुक्ल मूल रूप से झारखंड के गढ़वा जिले के निवासी हैं। वर्तमान में झारखंड और बिहार के सह क्षेत्र संगठन मंत्री हैं। वर्ष 2009 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक बने। वर्ष 2009 में ही विभाग संगठन मंत्री बने। वर्ष 2014 में प्रांत संगठन मंत्री बनाए गए। वर्ष 2021 में सह क्षेत्र संगठन मंत्री बने। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से भूगोल में पीएचडी की उपाधि हासिल की है।
याज्ञवल्क्य शुक्ल 2003 में ही अभाविप से जुड़े
याज्ञवल्क्य शुल्क आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत 2003 से अभाविप के संपर्क में आए। पूर्व में कालेज सह मंत्री, नगर कोषाध्यक्ष, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहे । 2007 में श्री सतगुरु जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय के निर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष एवं रांची विश्वविद्यालय के निर्वाचित छात्र संघ उपाध्यक्ष रहे। 2009 से पूर्णकालिक कार्यकर्ता हैं। पूर्व में रांची महानगर संगठन मंत्री, गुमला जिला संगठन मंत्री, कोल्हान विश्व विद्यालय संगठन मंत्री, रांची विश्व विद्यालय + कोल्हान विश्व विद्यालय संगठन मंत्री, राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य, सीडब्ल्यूसी सदस्य एवं वर्ष 2015 से 2021 तक झारखंड प्रांत के प्रांत संगठन मंत्री रहे । वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा आयोजित यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत श्रीलंका यात्रा का प्रतिनिधित्व भी किया है।
जनजातीय नेतृत्व को लेकर बेहतर काम किया
झारखंड में सशक्त जनजातीय नेतृत्व को लेकर प्रभावकारी कार्य किया एवं बिछड़े जनजातीय युवकों को एक मंच पर लाने हेतु विशेष प्रयास किया। जब झारखंड के अंदर वामपंथी, नक्सलियों एवं राष्ट्र विरोधी ताकतों के द्वारा अलगावाद एवं पथलगड़ी ( पत्थलगड़ी के जरिए दावे किए जा रहे थे कि जनजातियों के स्वशासन व नियंत्रण वाले क्षेत्र में गैर जनजातीय प्रथा के व्यक्तियों के मौलिक अधिकार लागू नहीं है। लिहाजा इन इलाकों में उनका स्वंतत्र भ्रमण, रोजगार-कारोबार करना या बस जाना, पूर्णतः प्रतिबंध है। ) जैसे षडयंत्रों को फैलाया जा रहा था उस दौरान आपने सुदूरवर्ती जनजातीय बहुल क्षेत्र में जाकर संवाद साथापित करने एवं जनजातीय जुटान जैसे परिणामकारी अभियान के माध्यम से हजारों युवाओं को एक मंच पर लाया। उन्होंने झारखंड प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय दलों के वर्चस्व को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुवे क्षेत्रीय विस्मता वाले क्षेत्रों में अभाविप के प्रभाव को स्थापित किया एवं लगातार छात्र संघ चुनावों में अभाविप की अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई। राज्य के प्रसिद्ध रांची विश्वविद्यालय में 59 साल बाद छात्र संघ चुनाव में अभाविप की अभूतपूर्व सफलता मिली एवं सेंट्रल पैनल में निर्विरोध जीत दर्ज की।
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