झारखंड में मिल रहे मिलावटी मसाले, सेहत के बेहद खतरनाक, जांच के लिए अक्टूबर माह में चलेगा अभियान
झारखंड में मसालों में मिलावट की अक्सर शिकायत मिलती रही है। इसमें रंगों के उपयोग से यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा मिलावट पर रोक लगाने के उद्देश्य से मसालों की जांच के लिए पूरे अक्टूबर माह में अभियान चलाया जाएगा। साबूत एवं पाउडर दोनों प्रकार के मसाले के सैंपल की जांच की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में मसालों में मिलावट की अक्सर शिकायत मिलती रही है। इसमें रंगों के उपयोग से यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा मिलावट पर रोक लगाने के उद्देश्य से मसालों की जांच के लिए पूरे अक्टूबर माह में अभियान चलाया जाएगा।
इसमें साबूत एवं पाउडर दोनों प्रकार के मसाले सम्मिलित हैं, जिनके सैंपल की जांच की जाएगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने इसे लेकर राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को निर्देश दिया है।
साथ ही अभियान के दौरान हुई जांच की रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय प्राधिकरण ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पाद मानक एवं खाद्य योजक) विनियम, 2011 के अंतर्गत आनेवाले मसाला उत्पादों की जांच के लिए एक से 31 अक्टूबर तक अभियान चलाने को कहा है।
इनमें काली मिर्च पाउडर, साबुत काली मिर्च, इलायची पाउडर, साबुत इलायची, मिर्च पाउडर, साबुत मिर्च, साबुत दालचीनी, धनिया पाउडर, साबुत धनिया, जीरा पाउडर, साबुत जीरा, हल्दी पाउडर, साबुत हल्दी सम्मिलित हैं।
प्राधिकरण ने कहा है कि उपरोक्त मसालों का निरीक्षण और सैंपल जांच एफएसएस अधिनियम, के अंतर्गत बनाए गए नियमों और विनियमों के प्रविधानों के अनुसार किया जाना चाहिए।
लिए जानेवाले नमूनों को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त उन प्रयोगशालाओं को जांच के लिए भेजी जानी चाहिए, जिसके पास इन मसालों पर लागू प्रासंगिक खाद्य सुरक्षा और मानक विनियमों के तहत निर्दिष्ट सभी मापदंडों के जांच का अनुभव हो।
एकत्रित नमूनों और संबंधित जांच परिणामों का विवरण 20 नवंबर तक साझा करने के निर्देश भी खाद्य सुरक्षा आयुक्त काे दिए गए हैं।
मसालों में धड़ल्ले से होता है स्टार्च, रंग आदि का उपयोग
राज्य में मसालों में मिलावट धड़ल्ले से होता हे। इसमें कई हानिकारक रसायनों स्टार्च, रंग आदि का भी उपयोग होता है। इस अभियान का मुख्य इस मिलावट पर रोक लगानी है।
यदि मसाले में मिलावट पाई जाती है तो उसे न केवल बाजार से हटाया जा सकेगा, बल्कि दोषी निर्माताओं, वितरकों एवं विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी।
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