Jharkhand Police: झारखंड में सभी जिलों के SP तक पहुंचा ADG का नया निर्देश, अब से हर हाल में करना होगा ये काम
एडीजी प्रशिक्षण सुमन गुप्ता ने सभी एसपी को ई-साक्ष्य एप के अनिवार्य उपयोग का निर्देश दिया है। इस एप के माध्यम से घटनास्थल तलाशी जब्ती प्रक्रिया और गवाहों के बयानों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिकॉर्ड किया जाएगा। एडीजी ने सभी डीआईजी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि जिलों में सभी अनुसंधानकर्ता ई-साक्ष्य एप का उपयोग कर रहे हैं या नहीं।

राज्य ब्यूरो, रांची। पुलिस मुख्यालय में एडीजी प्रशिक्षण सह आधुनिकीकरण सुमन गुप्ता ने मंगलवार को ई-साक्ष्य एप के प्रयोग, उसकी उपयोगिता आदि के संबंध में सभी डीआइजी, एसएसपी, एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।
उन्होंने सभी एसपी को यह निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों में अनुसंधानकर्ताओं से ई-साक्ष्य एप का उपयोग अनिवार्य रूप से कराएं।
उन्होंने नए आपराधिक कानून में निहित भारतीय साक्ष्य अधिनियम की महता को बताया।इस अधिनियम में प्रयुक्त धाराओं के सही व सकारात्मक प्रयोग की जानकारी दी।
पुलिस अफसरों को दी गई यह जानकारी
- उन्होंने राज्य में किसी भी घटना में घटनास्थल, तलाशी, जब्त प्रक्रिया तथा शिकायतकर्ता व गवाहों के बयान को इलेक्ट्रानिक माध्यम से रिकॉर्ड किए जाने व उसे ई-साक्ष्य एप पर अपलोड करने के संबंध में जानकारी दी।
- एडीजी सुमन गुप्ता ने सभी एसपी को इस तथ्य से अवगत कराया कि घटित घटनाओं का ई-साक्ष्य एप के माध्यम से विशेष रूप से वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराई जाए।
- समीक्षा बैठक में पुलिस मुख्यालय की टीम ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से ई-साक्ष्य एप के उपयोग की विधि की जानकारी साझा की।
- एडीजी ने सभी डीआइजी को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चत करेंगे कि जिलों में सभी अनुसंधानकर्ता ई-साक्ष्य एप का उपयोग कर रहे हैं या नहीं।
बैठक में यह अधिकारी रहे शामिल
बैठक में पुलिस मुख्यालय सभागार में एडीजी सुमन गुप्ता के अलावा सीसीटीएनएस के राज्य नोडल पदाधिकारी सह डीआइजी जैप कार्तिक एस., डीआइजी सीआइडी संध्या रानी मेहता, वरीय निदेशक आइटी एनआइसी राजीव कुमार सिन्हा, उप निदेशक अनूप रंजन, सीसीटीएनएस के डेटाबेस एडमिन संदीप कौशिक आदि मौजूद थे। वहीं, वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी रेंज डीआइजी, एसएसपी, एसपी आदि जुड़े थे।
अंधविश्वास के खिलाफ पुलिस ने चलाया जागरूकता अभियान
उधर, गुमला के पालकोट प्रखंड स्तिथ सुदूरवर्ती गांव सुमडु में शनिवार को पालकोट पुलिस ने नशा मुक्ति, महिला उत्पीड़न, डायन प्रथा के खिलाफ जागरूकता बैठक की।
बैठक में अफीम की खेती नही करने की नसीहत दी। कहा कि क्षेत्र में किसी प्रकार की समस्या होने पर पुलिस को सूचना दें।
डायन बिसाही के नाम पर किसी को प्रताड़ित कर या हत्या कर कानून हाथ में लेने की जरूरत नहीं है। लोगों को शिक्षित और साक्षर होने के सुझाव दिए।
पालकोट थाना प्रभारी राहुल कुमार दसौंधी के नेतृत्व में मुखिया, ग्राम प्रधान वार्ड मेम्बर एवम ग्रामीणों के बीच बैठक का आयोजन किया गया बैठक में डायन प्रथा जैसे अंधविश्वास, नशा पान से दूर रहने की नसीहत दी गई। पुलिस और जनता के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करने की बात कही गई।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।