Jharkhand: 504 सैप जवानों की सेवा समाप्त, अभी 70 और निकाले जाएंगे; रिक्त पदों पर जल्द निकलेगी बहाली
रांची में 504 सैप जवानों की सेवा समाप्त कर दी गई है और अभी 70 और जवानों को निकाला जाएगा। यह कार्रवाई झारखंड सरकार द्वारा की जा रही है। सेवा समाप्ति का ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने राज्य के 504 स्पेशल ऑक्सीलिरी पुलिस (सैप) जवानों की सेवा समाप्त कर दी है। दो दिनों के भीतर करीब 70 और जवानों की की सेवा भी समाप्त हो जाएगी। इसके बाद कोर्ट का स्टे हटते ही और 550 जवानों की सेवा समाप्त हो जाएगी।
इन 550 जवानों की सेवा समाप्ति के विरुद्ध दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्टे लगाया था। अब वर्तमान आदेश से यह याचिका भी प्रभावित होगी और जल्द निष्पादित हो जाएगी। इसके बाद इन सभी 550 जवानों की भी सेवा समाप्त हो जाएगी।
इसके बाद सैप के रांची व जमशेदपुर स्थित दोनों बटालियनों में करीब 700 जवान ही बच जाएंगे। जो पद रिक्त होंगे, उन पदों पर बहाली के लिए फिर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। सैप के दोनों बटालियनों का कार्यकाल 31 मई 2027 तक विस्तारित है।
इनमें सैप वन टाटीसिलवे में व सैप टू वाहिनी जमशेदपुर के हलुदबनी में है। सैप में बहाल जवान सेना के सेवानिवृत्त जवान होते हैं, जिन्हें अनुबंध पर बहाल किया जाता है।
जिन 504 जवानों की सेवा समाप्त की गई है, वे राज्य के 15 जिलों में विभिन्न पिकेट, थानों व अन्य स्थानों पर तैनात थे। इनमें रांची, सरायकेला, चाईबासा, चतरा, धनबाद, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, जमशेदपुर, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़ जिले के अलावा विभिन्न जिलेां के प्रशिक्षण केंद्रों में तैनात जवान भी शामिल हैं।
सात जून 2008 को हुआ था सैप बटालियन का गठन, 2023 में हटाने के विरुद्ध हाई कोर्ट गए थे जवान
सैप बटालियन का गठन सात जून 2008 को हुआ था। इसके लिए जो नियमावली बनी थी, उसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि सेवानिवृत्त सैनिकों को अनुबंध के आधार पर शुरुआत में दो वर्षों के लिए नियुक्त किया जाएगा और उन्हें उसके बाद अधिकतम पांच वर्ष के लिए उन्हें सेवा विस्तार दिया जा सकता है। यानी सैप बटालियन में नियुक्त जवान केवल सात साल ही नौकरी कर सकता है।
वर्ष 2023 में इसी नियमावली के आधार पर सात साल की सेवा पूरी करने वाले 970 जवानों की पुलिस मुख्यालय ने सेवा समाप्त कर दी थी। इस कार्रवाई को सैप के जवानों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। बताया था कि सैप का कार्यकाल 31 मई 2027 तक है, तब तक विस्तारित किया जाय।
जवानों ने हाई कोर्ट में यह भी दलील दी थी कि 69 वर्ष तक सैप में सेवा देने का प्रविधान है, तो उन्हें भी मौका दिया जाय। उनकी याचिका पर ही कोर्ट ने स्टे लगा दिया था, जिसके चलते वे अब तक सेवा में बने हुए थे। 69 वर्ष उनके लिए था, जो 62 वर्ष की उम्र में सैप में योगदान दिए थे। यानी केवल सात वर्ष ही कोई सेवा दे सकता है।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की दलील को माना, सात साल की नियमावली को बरकरार रखा और सात साल सेवा पूरी करने वालों को हटाने का निर्देश दिया। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने उन्हें हटाया है। कुछ तो सुनवाई के दौरान इन दो वर्षों के भीतर स्वत: नौकरी छोड़कर चले गए। सात साल की सेवा पूरा करने वाले जो बचे थे, उन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी है।

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