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    बोकारो के 13 मजदूर विशाखापटनम में बने हैं बंधक, मंत्री ने मुख्य सचिव को दिए मुक्त कराने के निर्देश

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 06:09 AM (IST)

    बोकारो जिले के कसमार प्रखंड की सोनपुर पंचायत स्थित सिली साड़म गांव के रहने वाले 13 मजदूर आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम स्थित निकनम केमिकल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में बंधक बने हुए हैं। इन मजदूरों की सकुशल व शीघ्र रिहाई कराने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सह उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है।

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    बोकारो के 13 मजदूर आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में बंधक बने हुए हैं।

    राज्य ब्यूरो, रांची। बोकारो जिले के कसमार प्रखंड की सोनपुर पंचायत स्थित सिली साड़म गांव के रहने वाले 13 मजदूर आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम स्थित निकनम केमिकल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में बंधक बने हुए हैं।

    इन मजदूरों की सकुशल व शीघ्र रिहाई कराने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सह उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है।

    एक मजदूर के स्वजन अखिलेश्वर मांझी ने मंत्री योगेंद्र प्रसाद से लिखित शिकायत कर पूरे मामले की जानकारी दी थी। इसे मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए पहल शुरू कर दी है। 

    उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि पांच सितंबर को सभी 13 मजदूर उक्त कंपनी में मजदूरी करने गए थे। उसके बाद से ही वे बंधक हैं। कंपनी वाले उन्हें आने नहीं दे रहे हैं और उनके साथ मारपीट भी की जा रही है।

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    ये हैं 13 मजदूर, जो बने हुए हैं बंधक

    अनिल किस्कू, अरविंद हेम्ब्रम, धर्मराज किस्कू, प्रेम कुमार हेम्ब्रम, जगदेव किस्कू, सुभाष किस्कू, सुधाकर हांसदा, राजेंद्र हेम्ब्रम, सुनील मरांडी, विमल सोरेन, संदीप सोरेन, अजीत टुडू व मुटू सोरेन।

    नाबालिग बच्ची के गुम होने पर गुमला एसपी तलब

     झारखंड हाई कोर्ट ने गुमला की एक नाबालिग बच्ची के गुमशुदा होने के मामले को गंभीरता से लिया है। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने बच्ची की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुमला के पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर मामले की जांच की पूरी फाइल और केस डायरी प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

    अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को निर्धारित की है। मामला वर्ष 2019 का है, जब एक नाबालिग लड़की गुम हो गई थी।

    उसकी मां ने इस संबंध में गुमला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने आरोप लगाया गया है कि नाबालिग बच्ची की तस्करी हो सकती है।

    इतने दिनों बाद भी अभी तक पुलिस ने उसे ढूंढ नहीं पाई है। इसके बाद अदालत ने मामले में एसपी गुमला को तलब किया है।

    अदालत ने एसपी से यह स्पष्ट करने को कहा है कि छह साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नाबालिग बच्ची का कोई सुराग क्यों नहीं लग पाया है। कोर्ट ने एसपी को केस डायरी और जांच की अद्यतन रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत होने का निर्देश दिया है।