Jharkhand News: कैबिनेट बैठक में 12 प्रस्तावों पर लगी मुहर, राज्य कर्मियों को हेमंत सरकार ने दे दी एक और खुशखबरी
झारखंड में नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब एमएसएमई श्रेणी के तहत खुलने वाले नए उद्योगों को तीन साल तक लाइसेंस राज से मुक्ति मिलेगी। इस दौरान उन्हें कारोबार शुरू करने के लिए आवश्यक लाइसेंस लेने की अनिवार्यता को समाप्त किया जाएगा। इससे उद्योगों को स्थापित करने और संचालन करने में आसानी होगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में एमएसएमई श्रेणी के तहत खुलनेवाले नए उद्योगों को लाइसेंस राज से तीन साल तक मुक्ति मिलेगी।
इस दौरान उन्हें कारोबार शुरू करने के लिए आवश्यक लाइसेंस लेने की अनिवार्यता को समाप्त किया जाएगा। ऐसा झारखंड में नए उद्योगों को कारोबार करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया है।
कारोबार शुरू करने और काम जम जाने के बाद इनके लिए लाइसेंस की अनिवार्यता होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव - झारखंड एमएसएमई विशेष छूट विधेयक-को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है और इसे विधानसभा में पेश कर विधेयक को पास कराया जाएगा।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उद्योगों के खुलने के लिए आवश्यक ट्रेड लाइसेंस के लिए भी तीन साल तक की छूट मिल रही है।
मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कुल 12 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। कैबिनेट ने पांचवां और छठा वेतनमान ले रहे राज्य कर्मियों, पेंशन भोगियों और पारिवारिक पेंशन के लाभुकों के लिए महंगाई भत्ता की दरों में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी हे।
छठा वेतनमान ले रहे कर्मियों के लिए महंगाई भत्ता सात प्रतिशत (239 से बढ़कर 246) बढ़ा है तो पांचवां वेतनमान ले रहे कर्मियों के लिए यह 12 प्रतिशत (443 से बढ़कर 455) हो गया है। यह लाभ उन्हें जुलाई 2024 के प्रभाव से मिलेगा।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में नवीनतम प्रशिक्षण के लिए मारुति से करार होगा
राज्य कैबिनेट ने चुनिंदा सरकारी आइटीआइ में ऑटोमोबाइल निर्माण व्यवसायों में नवीनतम तकनीकी की जानकारी देने के लिए मारुति से करार करने का निर्णय लिया है।
एमओयू के प्रारूप पर शीघ्र अनुशंसा प्राप्त करते हुए मारुति से करार को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए झारखंड वित्त नियमावली के नियम 235 को शिथिल करते हुए मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के सहयोग से कंपनी के सामाजिक दायित्व के अंतर्गत समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी गई है।
इस फैसले से आइटीआइ छात्रों को आधुनिक आटोमोबाइल तकनीकी की जानकारी मिलेगी और वे बाजार की मांगों के अनुरूप प्रशिक्षित होंगे।
कारखाना अधिनियम में संशोधन
ईज आफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहित करने के लिए झारखंड कैबिनेट ने कारखाना अधिनियम में संशोधन को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
यह निर्णय भारत सरकार के औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान के तहत किया गया है।
इस संशोधन से राज्य में उद्योगों की स्थापना और संचालन सरल होगा, जिससे निवेशकों को अधिक सुविधा मिलेगी और औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने कारखाना अधिनियम में संशोधन को स्वीकृति प्रदान कर दी है जिसके तहत रात्रि पाली में काम करने की इच्छुक महिला कामगारों को शाम सात बजे से सुबह के छह बजे तक के शिफ्ट में काम करने की आजादी होगी।
कैबिनेट के अन्य फैसले
- बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम एवं बिहार स्टेट इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लि० से संबंधित आस्तियों एवं दायित्वों के बंटवारे की स्वीकृति दी गई। इसके तहत राज्य सरकार 12.74 करोड़ रुपये देगी।
- हजारीबाग स्थित भूमि संरक्षण अनुसंधान केंद्र डेमोटांड़ के तत्कालीन उप निदेशक सुनील कुमार पर अधिरोपित दंड पर पुनर्विचार के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया। इन्होंने पेंशन से कटौती के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए आवेदन दिया था।
- झारखंड जगुआर में प्रतिनियुक्त स्व. राजेश कुमार, तत्कालीन उप समादेष्टा, सीमा सुरक्षा बल के आश्रित को सेवांत लाभों के भुगतान करने के लिए स्वीकृति दी गई।
- झारखंड आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका चयन एवं मानदेय में अब तक किए गए तमाम संशोधनों को समाहित करने का निर्देश दिया गया।
- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रेम कुमार सिंह एवं अन्य आवेदन कर्ताओं की सेवा हाईकोर्ट के आदेश से नियमित करने की अनुमति प्रदान की गई।
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