झारखंड में एंबुलेंस सेवा ठप, कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू; जानें क्या है प्रमुख मांगें
झारखंड एंबुलेंस कर्मचारी संघ की हड़ताल से राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा ठप हो गई है। रांची में कई एंबुलेंस सरकारी अस्पतालों में खड़ी हैं जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। कर्मचारी 12 घंटे की ड्यूटी और उचित मानदेय न मिलने से नाराज हैं और एनआरएचएम के तहत स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले राज्यभर में एंबुलेंस चालकों ने काम का बहिष्कार कर दिया है, जिसके कारण 108 एंबुलेंस का परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया।
रांची में कुल 36 एंबुलेंस हैं, जिसमें से 20 एंबुलेंस ही कार्यरत हैं, इन सभी एंबुलेंस को विभिन्न सरकारी अस्पतालों में खड़ा कर दिया गया है। एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से मरीजों को निजी एंबुलेंस को अधिक राशि देकर अस्पतालों तक जाना पड़ा। यह हड़ताल संथाल को छोड़ सभी जगहों पर जारी है।
रांची सदर अस्पताल परिसर में सोमवार को 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों ने लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने वाले प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और तख्तियां लेकर धरने पर बैठ गए।
इस बीच सम्मान एजेंसी जो एंबुलेंस का संचालन कर रही है उसके अधिकारी शिशिर कुमार ने बताया कि वे वैकल्पिक रूप से जिलों के सीएचसी के एंबुलेंस व उनके ड्राइवरों को फिलहाल काम पर लगाए हैं ताकि एंबुलेंस चल सके।
12-12 घंटे ली जाती है ड्यूटी
हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि 108 एंबुलेंस का संचालन, समाधान फाउंडेशन नाम की एक निजी संस्था द्वारा किया जा रहा है, उनका आरोप है कि संस्था द्वारा उनसे रोजाना 12-12 घंटे की ड्यूटी ली जाती है।
लेकिन उसके बदले न तो उन्हें उचित मानदेय दिया जाता है और न ही किसी प्रकार की सरकारी सुविधा का लाभ मिलता है। वे न तो ईपीएफ के दायरे में हैं और न मेडिकल सुविधा या बीमा का उन्हें लाभ मिलता है।
इन लोगों ने मांग रखी है कि उन्हें एनआरएचएम के तहत स्थायी रूप से बहाल किया जाए ताकि हमें साल भर का वेतन और सरकारी कर्मचारी जैसी सुविधाएं मिल सके।
108 एंबुलेंस कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- सेवारत कर्मचारियों को सेवा काल कि अवधि 60 वर्ष सुनिश्चित किया जाए
- 26 जून 2025 को संस्था द्वारा दिया गया समझौता पत्र कि सभी बिंदुओं को तत्काल लागू किया जाए
- निलंबित कर्मचारियों को तत्काल सेवा में बहाल किया जाए एवं पूर्व के भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल सेवा से मुक्त किया जाए
- सेवारत कर्मचरियों एवं विभाग के बीच से बिचौलिया हटाते हुए एनएचएम द्वारा कर्मचारियों को वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए
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