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    'भारत की EVM प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित', मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बोले- इसे हैक करना असंभव

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 09:10 PM (IST)

    Ramgarh News मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रामगढ़ में कहा कि भारत की ईवीएम प्रणाली पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने मतदाताओं को आश्वस्त किया कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह इंटरनेट या ब्लूटूथ से नहीं जुड़ी है। उन्होंने वीवीपैट स्लिप की गणना का हवाला देते हुए कहा कि कोई अंतर नहीं पाया गया।

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    पत्रकारों से बात करते मुख्य चुनाव आयुक्त। (जागरण)

    देवांशु शेखर मिश्र, रामगढ़। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार शनिवार को रामगढ़ पहुंचे। सुबह रजरप्पा में मां छिन्नमस्तिका की पूजा करने के बाद सीसीएल के गेस्ट हाउस स्थित हाल में वालंटियर्स के साथ सीधा संवाद किया।

    शायद यह पूरे देश में पहला मौका है जब मुख्य चुनाव आयुक्त ने संबंधित जिले में जाकर वालंटियर्स से सीधा संवाद किया और पिछले चुनाव का अनुभव साझा किया।

    ईवीएम प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित

    बाद में प्रेस ब्रीफ के दौरान पत्रकारों के सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि भारत की ईवीएम प्रणाली पूरी तरह से सुरक्षित है।

    अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डॉयरेक्टर तुलसी गबार्ड द्वारा ईवीएम को आसानी से हैक किए जाने से संबंधित बयान दिए जाने और अमेरिका में पेपर बैलेट लागू किए जाने से संबंधित बयान दिए जाने के बाद भारत में भी कई राजनीतिक दल के लोगों ने ईवीएम पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।

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    हमारी ईवीएम दूसरी देशों से अलग

    हालांकि, कल ही चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया था कि हमारी ईवीएम दूसरे देशों से अलग है। पत्रकारों द्वारा इस सवाल के जवाब में पहली बार रामगढ़ के रजरप्पा पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारत के मतदाताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी ईवीएम हर तरीके से सुरक्षित है।

    यह वही रिजल्ट देती है जो भारत का मतदाता चाहता है। ईवीएम न तो इंटरनेट से जोड़ी जा सकती है, न ब्लूटूथ से, न इंफ्रारेड से और न किसी भी अन्य तरीके से। इसलिए इसे टेंपर करना संभव नहीं है। अतः भारत की ईवीएम प्रणाली टेंपर प्रूफ है। जिस बटन पर मतदाता बटन दबाता है, उसी पर से वीवीपैट स्लिप निकलता है।

    पांच करोड़ वीवी पैट स्लिप की गणना हो चुकी है। इसमें एक भी अंतर वीवी पैट स्लिप और ईवीएम में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के विभिन्न देशों में जहां-जहां डेमोक्रेसी है, वहां इलेक्टोरल रोल बनाने की प्रक्रिया और मतदान करने की प्रक्रिया के लिए कई अलग-अलग विधियां हैं।

    कुछ देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम कहा जाता है, जहां पर इंटरनेट, प्राइवेट नेटवर्क से जुड़ी हुई मतदान की प्रक्रिया है।

    जहां तक भारत का सवाल है, भारत में मतदान करने के लिए विगत कुछ दशकों से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जो भारत में पब्लिक सेक्टर द्वारा बनाई जाती है। इन मशीनों के ऊपर पूर्व में वैधिक यानी लीगल स्क्रूटनी भी हो चुकी है।

    झारखंड में डेमोक्रेसी की है एक सशक्त नींव

    मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि झारखंड में डेमोक्रेसी की एक बहुत ही सशक्त नींव है। संवाद कार्यक्रम में उन्होंने वालंटियर्स से सीधा संवाद किया। इस दौरान बताया कि पूरे देश में साढ़े दस लाख मतदान केंद्र है और केवल झारखंड में 30 हजार।

    दुनिया का सबसे बड़ा गणतंत्र भारत है, यहां सौ करोड़ वोटर हैं। दुनिया के सबसे बड़े 10 देश को जोड़ दिया जाए, तब भी भारत से छोटे पड़ जाते हैं। दुनिया में ऐसा भारत में ही होता है जब एक करोड़ लोग एक जैसा काम चुनाव आयोग के साथ करते हैं।

    चुनाव आयोग विश्व की सबसे बड़ी संस्था है यानी दो करोड़ लोग चुनाव आयोग के साथ काम करते हैं। केवल डिफेंस फोर्स में 15 लाख लोग हैं, अर्द्धसैनिक बल में 15 लाख, पोस्टल में 6 लाख और रेलवे में 7 लाख कर्मी काम करते हैं। प्राइवेट सेक्टर में वाल मार्ट में 20 लाख तो सीसीएल में 11 लोग काम करते हैं।

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