'रोज-रोज का झंझट है!' बेटों ने पीट-पीटकर शराबी पिता को मार डाला, कहा- हत्या का नहीं था इरादा हम तो बस...
पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत उंडुदा गांव में दो बेटों ने पीट-पीटकर अपने ही पिता को मार डाला। 44 वर्षीय चंद्र मोहन हेंब्रम उर्फ मंदिर हेम्ब्रम शराब के नशे में रोज अपने बेटों और पत्नी के साथ मारपीट करता था। उसे इसी बात का सबक सिखाने के लिए बेटों ने मंगलवार को उसकी खूब पिटाई कर दी जिससे वह मर गया।
संवाद सूत्र, कुमारडुंगी। पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत उंडुदा गांव में विजयदशमी की शाम पिता के व्यवहार से तंग आकर बेटों ने डंडे से पीट-पीटकर अपने ही पिता चंद्र मोहन हेंब्रम उर्फ मंदिर हेम्ब्रम (44 वर्ष) की हत्या कर दी।
पिता शराब के नशे में अक्सर करता रहता था मारपीट
मृतक की पत्नी गृहवती हेम्ब्रम के बयान अनुसार, चंद्रमोहन अपने घर में शराब पीकर रोजाना लड़ाई-झगड़ा करता रहता था। उनके छह बेटे हैं। वह तीन बड़े बेटों व पत्नी के साथ आए दिन मारपीट की घटना को अंजाम देता था।
घटना वाले दिन मंगलवार सुबह भी पिता ने बड़ा बेटा सुशील हेंब्रम के साथ मारपीट की थी। इसके बाद सुशील हेंब्रम (19 वर्ष) और कुश रंजन हेंब्रम (18 वर्ष) दोनों धान कटनी के काम से खेत चले गए।
शाम को जब दोनों वापस लौट कर आए। उसके बाद फिर से पिता चंद्रमोहन ने फिर से शराब पीकर घर में लड़ाई झगड़ा करना शुरू कर दिया। इसको देखते हुए दोनों बेटा परेशान होकर गुस्से में आ गए और लाठी डंडों से पिता की पिटाई कर दी।
घटना के बाद घर के सामने जुटी लोगों की भीड़।
पिता को सबक सिखाने के लिए बेटों ने कर दी पिटाई
बीच-बचाव करने में मां आगे आई, लेकिन दोनों कहते रहे कि यह रोज-रोज का झंझट है इसलिए उन्हें सबक सिखाना जरूरी है। बेटों की पिटाई में पिता चंद्रमोहन का दोनों हाथ और एक पैर टूट गया। साथ ही सर में भी गहरी चोट लगी।
कुछ देर के बाद दोनों बेटों ने उन्हें घायल अवस्था में उठाकर घर पर ही मरहम पट्टी किया और अपनी गलती का एहसास करते हुए पिता से माफी भी मांगने लगे, लेकिन ज्यादा चोट लगने की वजह से रात लगभग 11–12 बजे के बीच पिता की मौत हो गई। सुबह इसकी जानकारी बेटों ने ही गांव के मुंडा को दी। मुंडा ने इसकी जानकारी कुमारडुंगी थाना पुलिस को दी।
बेटों को पिता की मौत पर अफसोस
पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में ले लिया। वहीं दोनों बेटा अफसोस के साथ पिता के शव के पास ही बैठे हुए थे। घटना के बारे में दोनों बेटों और मां से पुलिस पूछताछ कर रही है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बड़ा बेटा सुशील हेंब्रम ने कहा कि पिता अक्सर घर में और गांव में लोगों से लड़ाई झगड़ा करता रहता था।
बचपन से यही लड़ाई झगड़ा देखकर बड़े हुए। मंगलवार को भी पिता ने मुझे पीटा, लेकिन कोई जवाब नहीं देते हुए हम दोनों भाई खेत चले गए।
बेटों ने कहा- हत्या का नहीं था इरादा
इससे पूर्व भी छोटा भाई जुगल हेंब्रम (13 वर्ष) बीते दिनों बहुत बुरी तरह पीटा था, जिसे घायल अवस्था में मामा घर भेज दिया गया।
इससे तंग आकर पिता को हल्का सबक सिखाने के लिए लाठी डंडे से पिटाई की, लेकिन हम लोगों को पता नहीं था कि उनकी मौत हो जाएगी। हमारा इरादा उनकी हत्या करने का नहीं था।
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