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    रेलवे लेगा दुकानदारों पर एक्शन! चक्रधरपुर स्टेशन के पास टूटेंगी दुकाने? 72 घंटो का अल्टीमेटम जारी

    Updated: Sat, 15 Jun 2024 11:03 PM (IST)

    चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जाएगी और इसको लेकर एक बार फिर से कार्य शुरू होने वाला है। इस बीच चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के सामने रेलवे की मिनी मार्केट कॉम्प्लेक्स सहित अन्य दुकानों के 25 लीजधारक लाइसेंसी दुकानदारों को रेलवे ने 72 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए दुकानें खाली करने का आदेश दिया है।

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    चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के पास दुकानों को रेलवे ने खाली करने का दिया आदेश

    जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित करने का कार्य एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने लगा है।

    इस बीच चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के सामने रेलवे द्वारा बनाए गए मिनी मार्केट कॉम्प्लेक्स सहित अन्य दुकानों के 25 लीजधारक लाइसेंसी दुकानदारों को रेलवे ने 72 घंटे का अल्टीमेटम देकर साफ तौर पर कहा है की सोमवार तक सभी दुकानदार दुकान खाली कर दें अन्यथा दुकानों को रेलवे के द्वारा जबरन ध्वस्त कर उजाड़ दिया जायेगा।

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    सोमवार रात 12 बजे खत्म होगी दुकानों की मियाद 

    72 घंटे का अल्टीमेटम की मियाद सोमवार रात 12 बजे खत्म हो रही है। रेलवे के इस फरमान से दुकानदारों में हड़कंप मचा हुआ है।

    हालांकि कुछ दुकानदारों ने रेलवे के इस फैसले के खिलाफ रांची हाई कोर्ट में पहले की मामला भी दर्ज किया है। जिसका परिणाम यह हुआ की रेलवे ने उन दुकानदारों को दुकान खाली करने का कोई नोटिस जारी नहीं किया है।

    दुकानदारों ने क्या बताया?

    दुकानदारों ने बताया की नोटिस मिलने के बाद जब चक्रधरपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के डीईएन सेन्ट्रल अधिकारी से वार्ता की, तो उन्होंने दुकानदारों से सीधे मुंह बात तक नहीं की और झिडक कर उनको कहा कि उन्हें कोई दूसरी जगह नहीं दी जाएगी।

    उन्हें हर हाल में सोमवार तक दुकान खाली करना होगा, अन्यथा उनकी दुकानें तोड़ दी जाएगी। मतलब साफ है की रेलवे दुकानदारों को स्थापित किये बिना उन्हें उजाड़ने की योजना में है।

    मालूम रहे की चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के तहत विकसित करने की योजना है। जिसके तहत सड़क और कई चीजों का निर्माण चक्रधरपुर स्टेशन परिसर में रेलवे के द्वारा किया जाएगा।

    50 साल से चला रहे दुकानदार की दुकान उजड़ी तो हो जायेंगे बेरोजगार

    चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के समीप लीजधारक लाइसेंसी दुकानदार पिछले 50 साल से भी ज्यादा समय से दुकान चला रहे है। कई दुकानदार ऐसे हैं जिनकी तीन पीढ़ी ने दूकान संभाली अब चौथी पीढ़ी दूकान चला कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है।

    अचानक से रेलवे द्वारा जमीन खाली करने का फरमान जारी कर दिए जाने से लीजधारक दुकानदारों में रोजगार छीने जाने का खौफ समा गया है। उनके पास दूसरा कोई रोजगार का साधन नहीं है। लीजधारक दुकानदारों का रेलवे से बस इतनी मांग है की दुकान के बदले उन्हें रेल क्षेत्र में ही दूसरी जगह दुकान चलाने के लिए जगह दे दी जाए।

    ताकि उनका रोजी रोजगार चलता रहे। इन्हीं दुकान की कमाई से उनके घर का भरण पोषण चलता है। दूकान नहीं होने से उनके घर पर भारी आर्थिक संकट खड़ा हो जायेगा। परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।

    सांसद जोबा माझी बनी दुकानदारों का सहारा

    दुकानदारों की इस बड़ी समस्या के समाधान को लेकर क्षेत्र की नव निर्वाचित सिंहभूम सांसद जोबा माझी लीजधारक दुकानदारों के साथ खड़ी नजर आई हैं। शनिवार को लीजधारक दुकानदारों ने सांसद जोबा माझी से मुलाक़ात कर रेलवे के अल्टीमेटम की जानकारी दी। दुकानदारों ने अपनी समस्याओं को सांसद के समक्ष रखते हुए एक मांग पत्र भी सौंपा है।

    जोबा माझी ने दुकानदारों को आश्वासन दिया की वे जल्द ही इस मामले को लेकर चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम एजे राठौड़ से मुलाकात करेंगी और लीजधारक दुकानदारों के लिए नई जगह आवंटित करने की मांग करेंगी ताकि उनका रोजगार बना रहे।

    उन्होंने यह भी आश्वासन दिया की लीजधारक दुकानदारों को दूसरी जगह स्थापित किये बिना उन्हें उजड़ने नहीं दिया जायेगा। दुकानदारों ने सांसद जोबा माझी के आश्वासन के बाद राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा की उन्हें पूरा विश्वास है की संसद के पहल से उन्हें जरूर न्याय मिलेगा और उनका रोजगार नहीं छिनेगा।

    24 घंटे खुली रहती है दुकान, यात्रियों को मिलाती है मदद

    चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के सामने मिनी मार्केट के दर्जनों दुकानें 24 घंटे खुली रहती है। इससे सीधा फायदा रेलवे के यात्रियों को ही होता है। रेल यात्रियों को हर जरूरत का सामान से लेकर भोजन पानी की जरूरत इन्हीं दुकानों से पूरी हो जाती है। यही नहीं मुसीबत में घिरे रेल यात्रियों को यही लीजधारक दुकानदार मिलकर मदद भी करते हैं।

    ऐसे में अगर स्टेशन के सामने से अचानक से दुकानें हटा ली जाएगी तो इसका खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ेगा। उन्हें स्टेशन के बाहर कोई चीज नहीं मिलेगी। खाने पीने की चीजों के लिए दूर जाना पड़ेगा। दवा भी उपलब्ध नहीं होगी। दुकान की वैकल्पिक व्यवस्था के बगैर दुकानों को हटाने का फैसला रेलवे और उनके यात्रियों को ही भारी पड़ सकता है लेकिन इसके बावजूद रेलवे अधिकारी सुझबुझ से काम नहीं ले रहे है।

    इन दुकानदारों को मिला है 72 घंटे का अल्टीमेटम

    मुसाफिर यादव, राहुल, सुरेन्द्र चौधरी, कृष्ण प्रकाश साह, पारस ठाकुर, उदय चौधरी, आरएन राए, राजेश गुप्ता, रहिस सिंह, दीपक महतो, रंजीत राय, सुमित घोष, नवल कुमार धुसिया, पींकी षारदा, मीना देवी, राजेन्द्र सोनकर, चंचल राय, प्रमोद कुमार, गुरूदेव प्रधान, रामु प्रसाद सोनकर, बुझारत देवी, हीरा देवी।

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