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    Palamu News: पलामू में वन विभाग की टीम पर 50-60 लोगों ने किया हमला, 5 वनरक्षी घायल; जब्त ट्रैक्टर भी छुड़ाकर ले गए

    Updated: Sun, 23 Mar 2025 01:15 PM (IST)

    पलामू में पत्थर माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। शनिवार की देर रात लगभग 11 बजे बसडीहा सुरक्षित वन में पत्थर माफियाओं ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया। 50-60 लोगों ने ईंट-पत्थर लाठी-डंडा टांगी-संबल आदि से हमला किया जिसमें 5 वनरक्षी चोटिल हो गए। यही नहीं हमलावरों ने वनरक्षियों द्वारा जब्त किए गए दो ट्रैक्टर और पकड़े गए एक व्यक्ति को भी छुड़ा लिया।

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    वन विभाग की टीम पर जानलेवा हमला

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। छतरपुर अनुमंडल में पत्थर माफियाओं का आतंक देखने को मिल रहा है। पत्थर माफियाओं ने वन विभाग की टीम पर हमला किया और दो ट्रैक्टर-ट्राली छुड़ाकर ले गए। इस हमले में पांच वनरक्षी गंभीर रुप से घायल हो गए, जिनका मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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    शनिवार रात किया हमला

    पत्थर माफियाओं के बुलंद हौसले को देख ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्हें प्रशासन का बिल्कुल भी डर नहीं है। मामला छतरपुर थाना क्षेत्र का है, जहां शनिवार की देर रात 11 बजे के करीब बसडीहा सुरक्षित वन में पत्थर माफियाओं ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया। साथ ही वे दो ट्रैक्टर-ट्राली छुड़ाकर ले गए।

    वन विभाग की टीम अवैध पत्थर खनन पर कार्रवाई कर रही थी, तभी माफियाओं ने हमला कर दिया और पत्थर से भरे दो ट्रैक्टर-ट्राली व एक व्यक्ति को उनके कब्जे से छुड़ा लिया। घटना की जानकारी घायल वनकर्मियों ने विभाग के अधिकारियों को दी।

    इसके बाद भी छतरपुर एसडीओ, एसडीपीओ, रेंजर, थाना प्रभारी व डीएफओ घटनास्थल पर पहुंचे, जहां से पांचों घायल वनरक्षियों को छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल भेजा।

    वनरक्षियों का चल रहा इलाज

    वहां से सभी घायल वनरक्षियों का प्राथमिक उपचार कर मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर कर दिया। इलाज के बाद सभी की स्थिति खतरे से बाहर है। घायलों में वनरक्षी पंकज कुमार 30 वर्ष, आशुतोष तिवारी 34 वर्ष, लक्ष्मीकांत पांडेय 34 वर्ष, सरसीज उरांव 30 वर्ष और राकेश रौशन 34 वर्ष शामिल है।

    इनमें पंकज कुमार, लक्ष्मीकांत पांडेय, सरसीज उरांव का सर फट गया है, जबकि आशुतोष तिवारी का पैर टूट गया है। राकेश रौशन के हाथ और पैर में गंभीर चोटें आई हैं।

    समाचार लिखे जाने तक छतरपुर थाना में मामला दर्ज नहीं हुआ था। थाना प्रभारी प्रशांत सिन्हा का कहना था कि उनको इस संबंध में आवेदन नहीं मिला है। आवेदन मिलने के बाद ही मामला दर्ज होगा।

    घटना की कहानी घायल वनरक्षी की जुबानी

    • घायल वनरक्षी आशुतोष तिवारी ने बताया कि शनिवार को सूचना मिली थी कि पत्थर माफियाओं के द्वारा बसडीहा सुरक्षित वन क्षेत्र में पत्थर तोड़ कर रखा गया है।
    • सूचना मिलने पर 11 बजे दिन में सभी बसडीहा सुरक्षित वन क्षेत्र पहुंचे तो वहां पर टूटे पत्थर का एक ढ़ेर पाया। उसके बाद उन्होंने छतरपुर पूर्वी के रेंजर प्रशिक्षु आइएफएस नवनीत बीआर को दी।
    • सूचना पाकर रेंजर वहां पहुंचे और उसका भौतिक सत्यापन किया, उसके बाद उन लोगों को रात में पेट्रोलिंग करने का निर्देश दिया।
    • निर्देश के आलोक में सभी वनरक्षी रात दस बजे के बाद वहां पर पहुंचे तो पाया कि पत्थर माफिया द्वारा दो ट्रैक्टर-ट्राली में पत्थर को लोड कर दिया गया है।
    • वन विभाग की टीम को देखते हुए पत्थर माफिया अपने सहयोगियों के साथ भाग निकला, लेकिन उसका एक सहयोगी उनके हत्थे चढ़ गया।
    • वे लोग जब्त ट्रैक्टर व पकड़े गए एक व्यक्ति को लेकर छतरपुर लौट रहे थे कि 50-60 की संख्या में महिला-पुरुष ने उन लोगों पर ईंट-पत्थर, लाठी-डंडा, टांगी-संबल आदि से हमला कर दिया। इस हमले में उनके साथ-साथ पांच वनरक्षी घायल हो गए।
    • उसके बाद हमलावर जब्त दो ट्रैक्टर-ट्राली व एक व्यक्ति को छुड़ाकर अपने साथ ले गए। घायल वनरक्षियों ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी। उसके बाद उपरोक्त पदाधिकारी वहां पहुंचे और उन लोगों को अस्पताल भिजवाया।

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